Homeमेरी कामयाबीदेश की सबसे बड़ी कंपनी की मालकिन, अब बनीं राज्यसभा की सदस्य

देश की सबसे बड़ी कंपनी की मालकिन, अब बनीं राज्यसभा की सदस्य

देश की नामी IT कंपनी इंफोसिस की पूर्व चेयरपर्सन सुधा मूर्ति (Sudha Murty) अब राज्यसभा की सदस्य बन चुकी हैं। 8 मार्च को महिला दिवस पर सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामित होने का ऐलान किया गया था। जिसके बाद उन्होनें शपथ ग्रहण की। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें मनोनीत सदस्य के तौर पर शपथ दिलवायी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुधा मूर्ति को बधाई भी दी।

विशेष उपलब्धियों से भरा इनका जीवन 

Sudha Murty

सुधा मूर्ति (Sudha Murty) भारत देश की एक ऊर्जावान महिला हैं। वे अपनी कामयाबी के रास्तों में नई-नई उपलब्धियां हासिल कर रही हैं। वें एक जानी-मानी समाजसेवी, इंजीनियर और स्थापित लेखक हैं। उन्हें भारत सरकार द्वार सर्वोच्च सम्मान पद्म श्री से साल 2006 में और पद्म भूषण से साल 2023 में सम्मानित किया जा चुका है।

पीएम मोदी ने दी बधाई 

इस प्रेरणादायी महिला ने एक बार फिर अपनी उपलब्धि से चौंका दिया है। वें 14 मार्च 2024 को राज्य सभा सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण कर चुकीं हैं। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें (Sudha Murty) राज्य सभा के लिए मनोनीत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके सम्मान में कहा की “मुझे खुशी है कि भारत की राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है। सुधा जी का समाजिक कार्यों, वंचितों के लिए आर्थिक मदद और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। जो हम सभी को प्रेरणा देता है”।

ज्ञान से अर्जित की विशेष पहचान 

Sudha Murty

कर्नाटक में शिगगांव, हावेरी में सुधा मूर्ति का जन्म 19 अगस्त, 1950 को हुआ। उनके पिता का नाम डॉ आरएच कुलकर्णी और माता विमला कुलकर्णी था। वे कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (केएलई टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी) से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। मूर्ति ने जिस साल में इंजीनियरिंग की शिक्षा प्राप्त की, वे उनकी कक्षा की एक मात्र महिला विद्यार्थी थीं।

गोल्ड मेडलिस्ट हैं सुधा मूर्ति

Sudha Murty

इसके बाद उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की और उन्हें स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था। उन्होंने पुणे में टेल्को में एक इंजीनियर के रूप में काम किया। इसके बाद एनआर नारायण मूर्ति से उनका विवाह हुआ। सुधा मूर्ति बैंगलोर विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर भी रहीं। वह क्राइस्ट यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रह चुकी हैं।

हमेशा मुस्कान से भरी इनकी शख्सियत 

 former chairperson of infosys

देश की जिस जानी मानी इंफोसिस कंपनी की आज पूरी दुनिया बात करती है। उसकी नींव एनआर नारायण मूर्ति और उनकी सक्सेसफुल पत्नी सुधा मूर्ति ने ही की। सुधा मूर्ति आज के समय का वो नाम है जो एक सफल महिला होने के साथ अपने बच्चों की सफल मां और अपने पति नारायण मूर्ति की एक अच्छी सलाहकार भी हैं। सुधा मूर्ति की सबसे अच्छी बात है की वे हमेशा चेहरे पर खुशी लिए होती हैं। आज वे हर काम में अव्वल हैं, पर फिर भी अपनी जमीन से जुड़ी हैं अपनी संस्कृति के करीब है।

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