आज सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) है, जिसका सनातन धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान कर दान, पुण्य के कर्म करते है। आज अमावस्या तिथि के साथ साल का पहला सूर्यग्रहण भी है, पर यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा।
वैदिक पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि 8 अप्रैल को प्रातः 08 बजकर 21 मिनट पर शुरु होगी। जो रात 11 बजकर 50 मिनट तक मान्य होगा। अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त तर्पण, पवित्र नदियों में स्नान, दान-पुण्य और दीपदान करने का बहुत महत्व है। प्रयागराज में संगम के तट पर श्रद्धालुओं के भीड़ जुट गई है। मान्यताओं के अनुसार आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान से रोग से मुक्ति मिलती है।
सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) के दिन स्त्रियां भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन विवाहित स्त्रियां पीपल के वृक्ष की दूध, जल, पुष्प, अक्षत, चन्दन से पूजा भी करती हैं। पूजा के बाद पीपल वृक्ष के चारों ओर 108 बार धागा लपेट कर परिक्रमा करने का विधान होता है। मान्यता है कि सोमवती अमावस्या के दिन कुछ धार्मिक उपाय करने से प्राणी के जीवन में सुख-शांति आती है।
आज सोमवती अमावस्या के साथ साल का पहला सूर्यग्रहण भी लग रहा है। जिसका समय रात 9 बजकर 12 मिनट है। भारत में सूर्य ग्रहण दिखाई ना देने की वजह से मान्य नहीं होगा। अर्थ्रात इस ग्रहण का प्रभाव अमावस्या पर नहीं पड़ेगा। विदेशों में आज के दिन लगने वाला पूर्ण सूर्य ग्रहण नज़र आएगा। जहां दिन में अंधेरा होगा, जो लगभग 54 साल बाद हो रहा है।