वर्षों बाद अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला विराजे हैं। इस नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला की ये पहली रामनवमीं रहेगी। जिसे लेकर मंदिर में विशेष तैयारी (Rama Navami Special) की जा रही हैं। 17 अप्रैल को बधाई गीतों के साथ भगवान राम के बाल स्वरुप का सूर्य अभिषेक कराया जाएगा। मंदिर प्रबंधन इसका ट्रायल भी कर चुका है। इसके साथ ही राम नवमीं पर विशेष भोग भगवान को अर्पित किए जाएंगे।
दिल्ली से आएंगे वस्त्र, कर्नाटक के फूलों से होगा श्रृंगार
राम जन्मोत्सव (Rama Navami Special) के दिन रामलला चांदी और सोने के तारों से बुने वस्त्र पहनेंगे। ये डिजाइनर ड्रेस विशेष रुप से इस दिन के लिए तैयार करवाएं जा रहे हैं। रामलला के वस्त्र दिल्ली से विमान के जरिए अयोध्या पहुंचेगे। उनके श्रृंगार के लिए दिल्ली और कर्नाटक से खास तरह के फूल बुलवाएं जा रहे हैं। इन फूलों की खास बात यह है कि यह एक सप्ताह तक मुरझाते नहीं है।
सूर्य की किरणों से होगा रामलला का अभिषेक
भगवान राम का जन्म सूर्य वंश में हुआ था, उनके कुलदेव सूर्यदेव हैं। इन्हीं बातों को ध्यान रख रामनवमी (Rama Navami Special) पर चार मिनट तक रामलला का सूर्य तिलक होगा। सूर्य अभिषेक के लिए राममंदिर में विशेष उपकरण लगाए गए हैं। राम नवमीं पर दिन में 12 बजे ऑप्टोमैकेनिकल सिस्टम से सूर्य की किरणें प्रभु रामलला के ललाट पर डाली जाएगीं। मंदिर के भूतल पर दो दर्पण और एक लेंस लगा है। सूर्य की रोशनी दूसरे तल पर लगे तीन लेंस और 2 दर्पणों से होते हुए भूतल पर लगाए गए आखिरी दर्पण पर पड़ेगी। इससे परावर्तित होने वाली किरणों से भगवान के मस्तक पर तिलक बनेगा। यह सूर्य अभिषेक 75 मिमी. का होगा। मंदिर में भगवान के शयन के बाद इसका ट्रायल भी हो चुका है।
अयोध्या नगरी में शुरु हुआ रामनवमी मेला
इसके साथ ही पूरी अयोध्या नगरी को भगवान राम के जन्मोत्सव (Rama Navami Special) के दिन सजाया जाएगा। ये जन्मोत्सव कार्यक्रम 4 दिनों तक चलेगा। अयोध्या में रामनवमी मेला आज से शुरु हो चुका है। यहां आने वाले भक्तगण भगवान के अच्छे से दर्शन कर पाएं इसके लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। 15 अप्रैल से 17 अप्रैल तक रोजाना प्रभु रामलला 20 घंटे तक श्रद्धालुओं को दर्शन देंगे। 4 घंटे के लिए भोग, शृंगार व आरती के समय मंदिर में पर्दा गिरा रहेगा। इस दौरान आम जन के लिए दर्शन बंद रहेगा।