गुरुवार सुबह महाराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश में भूकंप (Earthquake) के झटके आए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया है कि देश के पश्चिमी राज्य महाराष्ट्र में आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई है। जबकि पूर्वोत्तर के अरुणाचल में आए भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई है।
— AARTI DIWAN (@DiwanAarti) March 21, 2024
महाराष्ट्र (Earthquake) में ये भूकंप के झटके हिंगोली में आए। जो 10-10 मिनट के अंतराल में दो बार महसूस किए गए। हिंगोली में पहला झटका सुबह 6 बजकर 8 मिनट पर महसूस किया गया। जिसकी रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.5 दर्ज की गई। वहीं दूसरा झटका सुबह 6 बजकर 19 मिनट पर महसूस किया गया। जिसकी तीव्रता 3.6 दर्ज की गई।
वहीं अरुणाचल प्रदेश में आए भूकंप (Earthquake) के झटके दो बार महसूस हुए। सबसे पहला झटका गुरुवार तड़के 1.49 बजे रिकॉर्ड किया गया। राज्य के पश्चिमी कामेंग में लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए। इसका केंद्र 10 किमी की गहराई में बताया गया है। रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटकों की तीव्रता 3.7 मापी गई। फिलहाल इन भूकंप के झटकों से किसी तरह की कोई जनहानि का पता नहीं चला है।
भूकंप आने के कई कारण होते हैं, जिनमें से मुख्य निम्नलिखित हैं:
1. भूकंपीय गतिविधियाँ
- धरती की आंतरिक परतों में तनाव के कारण भूकंप उत्पन्न होते हैं। जब यह तनाव अत्यधिक बढ़ जाता है, तो पृथ्वी की सतह पर अचानक ऊर्जा रिलीज होती है, जिससे भूकंप आता है।
2. टेक्टोनिक प्लेट्स का आंदोलन
- पृथ्वी की सतह पर विभिन्न टेक्टोनिक प्लेट्स होती हैं, जो एक-दूसरे के सापेक्ष गति करती हैं। जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं, खिसकती हैं या अलग होती हैं, तो भूकंप हो सकता है।
3. सक्रिय ज्वालामुखी
- ज्वालामुखी विस्फोट भी भूकंप का कारण बन सकते हैं। जब ज्वालामुखी में लावा और गैसें जमा होती हैं, तो विस्फोट के समय जमीन में कंपन होता है।
4. मानव गतिविधियाँ
- मानव गतिविधियाँ, जैसे कि भारी निर्माण, खनन, और जलाशयों का निर्माण भी भूकंप पैदा कर सकते हैं। ये गतिविधियाँ पृथ्वी की सतह पर दबाव डालती हैं और भूकंप का कारण बनती हैं।
5. भूस्खलन और भूस्खलन
- कभी-कभी, जब भूमि का एक बड़ा हिस्सा खिसकता है, तो यह भी भूकंप की तरह कंपन पैदा कर सकता है।
6. अन्य प्राकृतिक घटनाएँ
- बड़े तूफान, समुद्री लहरें (त्सुनामी) और अन्य प्राकृतिक घटनाएँ भी स्थानीय रूप से भूकंप जैसी गतिविधियों का कारण बन सकती हैं।
भूकंप की तीव्रता और प्रभाव कई कारकों पर निर्भर करते हैं, जैसे कि स्थान, गहराई और स्थानीय भूगोल।