क्रेंद्रीय मंत्री एस जयशंकर ने चीन पर सीधा कटाक्ष किया है। दरअसल इन दिनों चीन के अरुणाचल (Arunachal Pradesh) के रखे नए नाम लेकर काफी बातें चल रही है। ऐसे में जब एक पत्रकार वार्ता में केंद्रीय मंत्री से सवाल पूछा गया तो, उन्होंने बेबाकी से उत्तर दिया। जो चीन की इस हरकत पर उसका मुंह बंद करने के लिए काफी था। केंद्रीय मंत्री ने कहा है की “यदि अगर आज मैं आपके घर के नाम बदल दूं, तब क्या वह मेरा हो जाएगा क्या ?”।
केंद्रीय मंत्री ने चीन पर किया सीधा प्रहार
ये बयान सोमवार 1 अप्रैल को गुजरात के सूरत शहर में केंद्रीय मंत्री ने दिया। उन्होंने आगे कहा “अरुणाचल प्रदेश भारत का राज्य (Arunachal Pradesh) था, है और रहेगा। नाम बदल देने से कुछ नहीं होता है और न ही इससे कोई प्रभाव पड़ता है”। आप सब जानते हैं कि हमारी सेना वहां (एलएसी पर) तैनात है। सेना के लोग जानते हैं कि उन्हें वहां क्या करना है।” भारत की सेना चीन के इस तरह के रवैए से पहले से ही वाकिफ है। यहीं वजह है की हमें कोई फर्क नहीं पड़ता की चीन क्या नाम रख रहा है।
नाम बदलने से वास्तविकता में फर्क नहीं पड़ता
विदेश मंत्री एस जयशंकर के इस बयान से पहले सोमवार को ही बीजिंग ने भारतीय राज्य में विभिन्न स्थानों के 30 नए नामों की चौथी सूची जारी की। कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री से इसी को लेकर पत्रकार ने सवाल किया था, जिस पर उन्होंने चीन के नाम बदलने को लेकर सीधा बयान दिया। इस पत्रकार वार्ता में केंद्रीय मंत्री जयशंकर ने ये भी कहा की अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के स्थानों का नाम बदलने की कवायद को भारत खारिज करता रहा है। उसका कहना है कि यह राज्य देश का अभिन्न अंग है और ‘‘काल्पनिक’’ नाम रखने से इसकी वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा।
क्या नाम रखा चीन ने अरुणाचल प्रदेश का
चीन इन दिनों अरुणाचल प्रदेश को “जंगनान” नाम से पुकार रहा है। जिसका भारत विरोध करता है। यहीं नहीं एक्सपर्ट ने भी चीन को इसे लेकर फटकार लगाई है। हालाकि ये पहली बार नहीं हुआ है जब चीन ने भारत के राज्यों के नाम बदले हो। पर इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) दौरे के बाद से ये ज्यादा हो रहा है। इस राज्य को चीन एक विशेष नाम से पुकार रहा है। जिस पर केंद्रीय विदेश मंत्री ने सीधा पलटवार किया है।
चीन हमेशा अपने हिस्सा का दावा करता है इस राज्य पर
दक्षिण तिब्बत के हिस्से के रुप में चीन हमेशा अरुणाचल प्रदेश को अपना मानने का दावा करता आया है। मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर क्षेत्र के लिए 30 अतिरिक्त नाम पोस्ट किए गए। यह सूची एक मई से प्रभावी होगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुच्छेद 13 के अनुसार, इस घोषणा के क्रियान्वयन में कहा गया है कि ‘‘चीन के क्षेत्रीय दावों और संप्रभुता अधिकारों को नुकसान पहुंचा सकने वाले विदेशी भाषाओं में रखे गए। स्थानों के नामों को बिना प्राधिकार के सीधे उद्धृत या अनुवादित नहीं किया जाएगा।