शराब नीति मामले में दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को 21 मार्च की रात को गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी की गिरफ्तारी पर केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। जिसके मद्देनजर शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई। जिसके बाद 28 मार्च तक उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिमांड में भेज दिए गया है। कोर्ट के ऑर्डर के अनुसार 28 मार्च की दोपहर 2 बजे तक अरविंद केजरीवाल को जांच एजेंसी को कोर्ट में पेश करना होगा।
किस मामले में हुई दिल्ली सीएम की गिरफ्तारी
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को शराब घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत की है। पीएमएलए में जमानत मिलना मुश्किल होता है। यह कानून 2002 में बनाया गया था और 1 जुलाई 2005 को लागू किया गया था। इस कानून का मुख्य उद्देश्य मनी लॉन्ड्रिंग को रोकना है। इस एक्ट के अंतर्गत अपराधों की जांच की जिम्मेदारी प्रवर्तन निदेशालय के पास होती है।
जेल में क्या-क्या कर करने की मिली इजाज़त
अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की सेहत को देखते हुए कोर्ट ने उन्हें इजाज़त दी गई है की वे जेल में घर का खाना खा सकते हैं। इसके साथ ही उन्हें अपने वकील मोहम्मद इरशाद और विवेक जैन से शाम 6 बजे से 7 बजे तक मिलने की इजाजत है। कोर्ट के उन्हें हर रोज आधे घंटे पत्नी सुनीता केजरीवाल और निजी सचिव विभव कुमार से मिलने की भी इजाजत दी है।
इस दौरान ईडी अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) से हर रोज पूछताछ करेगी। यह पूछताछ कैमरे के निगरानी में ही की जाएगी। फिलहाल दिल्ली मुख्यमंत्री की तरफ से पद से इस्तीफा देने की कोई भी सूचना नहीं मिली है। दिल्ली के सीएम जेल में बंद है पर सरकार अभी भी उन्हीं की है। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ईडी के पास बहुत अहम सबूत है, जिनके आधार पर यह गिरफ्तारी हुई है।
बता दें की अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी जिस मामले में हुई है। उसी मामले में आम आदमी पार्टी के तीन नेता पहले ही जेल में सजा काट रहे हैं। Delhi के पूर्व डिप्टी CM मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन यह दोनों पीएमएलए के तहत जेल में हैं। वहीं, आप नेता संजय सिंह भी पीएमएलए में गिरफ्तार हुए और जेल में बंद हैं।
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