भारत देश की धरती में कई रहस्य छूपे है, जो जब भी उजागर होते है दुनिया को चौंका देते हैं। ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला रहस्य हाल ही में सामने आया है। भारत के गुजरात में वैज्ञानिकों को एक प्राचीन सांप के जीवाश्म अवशेष मिले हैं। जिसके बारे में यह कहा जा रहा है की ये दुनिया का सबसे लंबा (World’s Longest Snake) और विशालकाय सांप है। जिसकी लंबाई 50 फीट बतायी जा रही है। सबसे खास बात ये है की इसे जो नाम वैज्ञानिकों ने दिया है, वह भारत की संस्कृति से जुड़ा हुआ है।
इंडिया में मिला दुनिया का सबसे लंबा सांप
पूरी दुनिया में एक बार फिर भारत की चर्चा हो रही है। यहां की धरती में छूपे रहस्यों को देखकर हर कोई दंग है। 50 फीट लंबा सांप वो भी भारत की धरती पर, ये कोई छोटी बात नहीं है। इसके पहले तक रिकॉर्ड में दर्ज सबसे ज्यादा लंबा सांप(World’s Longest Snake) “टाइटनोबोआ” का नाम दर्ज था। पर अब नया रिकॉर्ड इंडिया के नाम दर्ज हो चुका है। लाइव साइंस की रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात के पैनान्ध्रो लिग्नाइट खदान में इस विशाल सांप की कुल 27 जीवाश्म कशेरुकाओं की खोज हुई है।
कैसे हुई इसकी खोज
इसकी खोज गुजरात राज्य के कच्छ शहर से हुई। साल 2005 में उत्तराखंड के रुड़की स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के वैज्ञानिकों कच्छ आए। जहां वे एक कोयला खदान में रिसर्च कर रहे थे। जहां खुदाई में उन्हें कुछ अवशेष मिले, जो 27 बड़े-बड़े कंकाल के टुकड़े थे। इनमें कुछ हड्डियां आपस में जुड़ी भी थी। साल 2005 से अब तक इन जीवाश्म को एक विशाल मगरमच्छ का अवशेष माना जा रहा था। मगर जैसे-जैसे रिसर्च आगे बढ़ा वैज्ञानिक खुद हैरान हो गए। जिसे वे एक बड़ा मगरमच्छ समझ रहे थे वो असल में दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा सांप (World’s Longest Snake) निकला !
वैज्ञानिकों ने क्या नाम रखा
इस विशालकाय सांप की लंबाई 50 फीट बतायी गई है। जो वर्तमान रिकॉर्ड धारक टाइटनोबोआ से लगभग 6.5 फीट ज्यादा है। शोधकर्ताओं के अनुसार लगभग 4.7 करोड़ साल पहले ये भारत की धरती पर मौजूद थे। चूंकि इसके अवशेष भारत में मिले है तो, वैज्ञानिकों ने भी बहुत सोच समझकर इसका नाम रखा है। इस नई प्रजाति के सांप को नाम दिया गया है “वासुकी इंडिकस”। “वासुकी” नाम शिवजी के गले में लिपटे हुए नागराज से लिया गया है। “इंडिकस” शब्द का मतलब है भारत का। वैज्ञानिकों ने इसे इस नाम से दर्शाया है कि ये नाग भारत में ही पाया जाता था और भगवान शिव के नागराज की तरह ही शक्तिशाली और विशाल था।