माता का ब्रह्मचारिणी रुप तपस्या के प्रभाव को करता है व्यक्त

शारदीय नवरात्र का आज दूसरा दिन है, और इस दिन ‘देवी ब्रह्मचारिणी’ (Maa Brahmacharini) स्वरुप की पूजा की जाती है।  मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना करने से सौभाग्य, आरोग्य, आत्मविश्वास, आयु और अभय की प्राप्ति होती है। इस रुप की आराधना से मनुष्य कठीन से कठीन समय में भी अपने पथ से विचलित नहीं होता है। जानते हैं माता के इस रुप को विस्तार से..

कैसा होता है देवी का ये रुप

मां ब्रह्मचारिणी, (Maa Brahmcharini) देवी पार्वती का अविवाहित रुप है। जिसमें वे सफेद वस्त्र धारण किए होती हैं। उनके दाहिने हाथ में एक रुद्राक्ष माला होती है और बाएं हाथ में कमंडल होता है। रुद्राक्ष को उनके वनवासी जीवन में भगवान शिव को पति के रुप में पाने की तपस्या से जोड़कर देखा जाता है।

कथाओं के अनुसार माता ने कब लिया था यह रुप 

Maa Brahmacharini

पौराणिक कथाओं के अनुसार दक्ष प्रजापति के यहां ब्रह्मचारिणी कन्या (Maa Brahmacharini) का जन्म हुआ। ये देवी पार्वती का ही स्वरुप है, जो किसी संत के समान था। ब्रह्मचारिणी कन्या ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या करने का प्रण लिया। उनकी तपस्या कई हजार वर्षों तक चली। तपस्या को ना मौसमों का प्रहार तोड़ पाया ना किसी की पुकार। जिस परिणामस्वरुप उन्हें भगवान शिव पति के रुप में प्राप्त हुए।

माता ब्रह्मचारिणी को ब्राह्मी भी कहा जाता है। माता का ये रुप कठोर तपस्या के असर से मुख पर तेज लिए होता है। जो इस बात को व्यक्त करता है की कठिन प्रयास से हर इच्छा की पूर्ति होती है। जैसे माता को भगवान शिव पति रुप में मिले, उसी तरह मनुष्य जीवन में जो भी कुछ चाहता है, उसके लिए हर मुश्किलों का सामना करना होगा।

Maa Brahmacharini

नवदुर्गा के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmacharini) के इस रुप की पूजा में सफेद फूलों को शामिल करें। माता को शक्कर का भोग लगाएं। जिस प्रकार उनके रुवरुप में माता सफेद साड़ी पहने हुए हैं, उसी तरह उन्हें सफेद रंग की वस्तुएं अर्पित करें। उनके मंत्र का उच्चारण करें, भोग लगाएं। इसके बाद परिवार के साथ आरती करें। इस प्रकार पूजा करने से जीवन में सफलता प्राप्त होगी। माता के नाम से उनकी शक्तियों के बारे में जानकारी मिलती है। ब्रह्म का अर्थ है तपस्या और चारिणी का अर्थ है आचरण करने वाली अर्थात तप का आचरण करने वाली ब्रह्मचारिणी। मनुष्य इस आचरण को अपनाकर सफलता की ऊंचाईयों पर पहुंच सकता है।