प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के द्वारका (Dwarka) में समुद्र की गहराई में गए और उस स्थान पर प्रार्थना की जहां जलमग्न द्वारका शहर है। उन्होंने कहा कि इस अनुभव ने मुझे भारत की आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जड़ों के साथ एक दुर्लभ और गहरे संबंध से परिचित कराया। पीएम मोदी ने पानी के भीतर बसे द्वारका शहर को श्रद्धांजलि दी। पीएम भगवान कृष्ण को अर्पित करने के लिए मोर पंख अपने साथ समुद्र में ले गए थे।
PM ने एक्स पर बताया अपना (Dwarka) अनुभव
पीएम मोदी ने ट्विटर पर एक पोस्ट में लिखा, ‘जलमग्न द्वारका (Dwarka) नगरी में प्रार्थना करना बहुत ही दिव्य अनुभव था। मुझे आध्यात्मिक वैभव और शाश्वत भक्ति के एक प्राचीन युग से जुड़ाव महसूस हुआ। भगवान श्री कृष्ण हम सभी पर कृपा करें। इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री मोदी ने बेट द्वारका स्थित मंदिर में दर्शन किये।
यहां दर्शन करने के बाद उन्होंने ओखा को बेट द्वारका द्वीप से जोड़ने वाले 2:32 किलोमीटर लंबे समुद्री पुल सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया। यह देश का सबसे लंबा केबल ब्रिज है, जिसकी आधारशिला पीएम मोदी ने 2017 में रखी थी। यह ब्रिज 900 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनकर तैयार हुआ है।
PM ने लक्षद्वीप (Dwarka)में भी उठाया था स्नॉर्कलिंग का आनंद
बता दें कि पीएम मोदी ने इस साल जनवरी में लक्षद्वीप (Lakshadweep) की यात्रा की थी। यहां उन्होंने स्नॉर्कलिंग का आनंद उठाया था और अपनी तस्वीरें शेयर करते हुए देशवासियों से छुट्टियां बिताने के लिए यहां आने की अपील की थी। पीएम मोदी ने एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए लक्षद्वीप को एक बेहतरीन जगह बताते हुए अपने एक्स हैंडल से किए एक पोस्ट में कहा था, ‘जो लोग अपने साहस को आजमाना चाहते हैं, उनके वेकेशन डेस्टिनेशन की लिस्ट में लक्षद्वीप होना ही चाहिए’।
प्रधानत्री ने स्नॉर्कलिंग के दौरान पानी के भीतर ली गई तस्वीरें भी शेयर की थीं। इन तस्वीरों में समुद्र की गहराई में स्थित चट्टानें और समुद्री जीव दिख रहे थे। भारत में टूरिज्म (Dwarka) को प्रमोट करने का पीएम मोदी का यह एक सफल प्रयास था।