आखिर क्यों सरोगेसी बन रही वरदान..

इन दिनों सरोगेसी की काफी चर्चा चल रही है, इस प्रक्रिया को अपनाकर कई महिलाएं मां बनने का सुख जी रही है। हाल ही में देशी गर्ल प्रियंका चोपड़ा ने घोषणा कि वे सरोगेसी के जरिए मां बनी हैं। सरोगेसी को लगभग सभी देश में अपनाया जा रहा है।

फिल्म मिमी में हम सभी सरोगेसी के बारे में देख चुके हैं, हां कुछ परेशानियां होती हैं, जैसे सही सरोगेट का चयन, बच्चे का सही पोषण। पर हर देश में इसके लिए अलग से अस्पताल बनाए जा रहें हैं, जहां सरोगेट मदर्स का खास ख्याल रखा जाता है। कई देश में सरोगेसी के लिए माता पिता को इस बात का प्रमाण देना होता है की वे माता पिता नहीं बन सकते हैं। कानूनी नियम का पालन करते हुए इस प्रक्रिया के जरिए कई लोगों के जीवन में खुशियां आयी है।

जो माता पिता सालों से संतान के सुख के लिए इंतजार कर रहे होते हैं, उनके लिए सरोगेसी वरदान के समान है। संतान के सुख के लिए दंपति कई अस्पतालों , डॉक्टरों के चक्कर लगाते हैं। ऐसे में सरोगेसी की टेक्निक कामगार साबित हो रही है, आईवीएफ के साथ सरोगेसी भी काफी पसंद किया जा रहा है।

सरोगेसी के लिए हर देश में कानून बनाया गया है, भारत में नए नियम के मुताबिक सरोगेट की उम्र अब 25 से 35 के बीच रखी गई है, और एक महिला अपने जीवनकाल में केवल एक बार सरोगेट के रुप में काम कर सकती है, पहले ये तीन बार था, जिसे बदलकर अब केवल एक बार कर दिया गया है।

 

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