शनि देव को न्याय का देवता माना जाता है। उनकी कृपा से जीवन में सफलता ही सफलता मिलती है। वहीं यदि ये देव नाराज हो जाएं तो, कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि देव के सामने कोई छोटा-बड़ा नहीं होता बल्कि सच के आधार पर फैसला होता है। कई बार मनुष्य को अपनी गलती का पश्चाताप तो होता है पर शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से वो कष्ट में बना रहते है। ऐसे में कुछ विशेष उपाय (Shanidev) कर शनि देव को मनाया जा सकता है।
महादशा आने पर ऐसा रहता है प्रभाव
शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, वक्री चाल और महादशा आने पर व्यक्ति के जीवन में काफी परेशानियां आती है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को एक क्रूर ग्रह माना गया है, पर किसी जातक की कुंडली में शनि बली होते हैं तो व्यक्ति के जीवन में हर तरह की खुशी और वैभव की प्राप्ति करता है।
कुछ जातक की कुंडली में शनि कमजोर भी होते हैं, ऐसे में व्यक्ति के जीवन में परेशानियों का पहाड़ खड़ा हो जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि को आयु, दुख, रोग, सेवक और लोहा का कारक ग्रह माना जाता है। शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी होते हैं। शनि की साढ़ेसाती, सात वर्षों तक रहती है। शनि अच्छे कर्म करने वाले जातकों को अच्छा फल जबकि बुरे कर्म करने वालों को बुरा फल प्रदान करते हैं।
साढ़े साती के प्रभाव से जातक को मान-सम्मान का नुकसान होता है। परिवार में क्लेश भर जाता है। ऐसी स्थिती में यदि जातक शनिदेव की उपासना करें तो साढ़ेसाती की प्रभाव घटने लगता है। शनिदेव न्याय के देवता जरुर है पर वे मनुष्य की थोड़ी भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हैं। बस भक्ति में सच्चाई होना चाहिए। तो क्या है वे उपाय जिनसे साढ़े साती का प्रभाव घट जाता है जानते हैं –
शनि के उपाय (Shanidev)
- शनि देव गरीबों और ज़रुरतमंदों की मदद करने वालों पर हमेशा प्रसन्न होते हैं। तो शनि देव को प्रसन्न करने के लिए दान पुण्य करते रहना चाहिए। शनि देव की कृपा के पात्र बनने के लिए ज़रुरतमंदों को काले चने, काले तिल, उड़द दाल और सवच्छ कपड़े सच्चे मन से दान करते रहना चाहिए।
- यदि आपकी जिन्दगी में धन, नौकरी या व्यापार से जुड़ी समस्याएं चल रही है तो प्रति शनिवार को आपको प्रातः स्नान करने के बाद शनि यंत्र की पूजा करनी चाहिए। इससे आपकी नौकरी और व्यापार से जुड़ी समस्याएं दूर होगी और घर में समृद्धि आएगी।
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी साबित होता है। शनि मंत्र का जाप करने से शनि देव काफी प्रसन्न होते हैं और जीवन में चल रही विपत्ति से छुटकारा दिलाते हैं।
- कुत्तों की सेवा और देखभाल करने वालों से शनि देवता हमेशा प्रसन्न रहते हैं। कुत्तों को खाना देने और उनकी देखभाल करने वालों पर शनि देव कभी रुष्ट नहीं होते और ऐसे लोगों पर अपनी कृपा बनायें रखते हैं।
- बजरंग बली और शनि देव का गहरा नाता है। दोनों के बीच मित्रवत रिश्ता है यदि कोई व्यक्ति शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करता है तो उसपर शनि देव की विशेष कृपा बनती है।
- भगवान शंकर, शनिदेव के गुरु माने जाते हैं। इसलिए जो व्यक्ति भगवान शिव की आराधना करता है, शिवलिंग पर तिल डालकर जल चढ़ाता है। शनिदेव सदैव उसका ध्यान रखते हैं।
- शनिदेव की साढ़े साती के दौरान के इन मंत्रों का जाप जरुर करें (Shani Mantra) पहला मंत्रः- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः। दूसरा मंत्रः- ॐ शं शनिश्चरायै नमः