मेंटल हेल्थ पर बात करना है, जरुरी

हर साल 10 अक्टूबर को वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे मनाया जाता है,  इस बार की थीम है “मेक मेंटल हेल्थ एंड वेल-बीइंग फॉर ऑल ए ग्लोबल प्राइयॉरिटी”। कोविड की लड़ाई के बाद आज भी कई लोग मानसिक समस्याओं से जूझ रहे है। मेंटल हेल्थ एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में बात करना तो दूर लोग इसके बारे में सोचते भी नहीं है।   समय आ गया है, की ये समझना होगा की ब्रेन भी हमारे शरीर का हिस्सा ही है, और इसके इशारे पर ही हर काम होता है। शरीर रुपी मशीन को चलाने के यंत्र का नाम है ब्रेन जिसका ख्याल रखना बहुत जरुरी है..

आज दुनिया का कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है की जो किसी मानसिक समस्या से ना लड़ रहा हो। सभी के पास अपनी-अपनी समस्याएं है। जिनसे कैसे उबरना है, ये सीखने की कला को ही ब्रेन का ख्याल रखना कहा जा सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी की हाल ही की रिसर्च में ये नतीजे सामने आए की इन दिनों लोगों को ग्लॉकोमा, ब्रेन ट्यूमर जैसी समस्याएं सबसे ज्यादा हो रही है। जिसकी मुख्य वजह है दिमाग पर अधिक दबाव डालना। अधिक विचार और तनाव करने से आंखो से जोर धीरे-धीरे ब्रेन पर पड़ता है, और फिर बातें भूलने जैसी समस्याएं शुरु हो जाती है।

जिस प्रकार हम सर्दी खांसी होने पर डॉक्टर के पास तुरंत जाते है, उसी प्रकार यदि आपको ऐसा लग रहा है की हर तरफ परेशानी है, और आप किसी से कह भी नहीं पा रहे हैं, तो तुरंत मेंटल हेल्थ से संबंधित डॉक्टर के पास जाएं।  या किसी अपने से खुलकर बात करें। मेंटल हेल्थ का पता करते रहना जरुरी है। तनाव से जूझ रहे लोग आत्महत्या जैसे कदम आसानी से उठा लेते हैं, इसलिए स्थिती इतनी खराब ना हो, उससे पहले दिल की बात खुलकर सबके सामने रखना सीखें।

हमारे आस-पास कई लोग ऐसे भी है जो मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम से लड़ रहे हैं,उन्हें कभी कुछ याद रहता है, तो कभी कुछ भी नहीं। ऐसे लोगों की हमेशा मदद करें, उनकी स्थिति को समझें। आज की भागदौड़ वाली लाइफ में हमें कई बार लगता है की जो अधिक बात कर रहा है उससे दूरियां बना लें। पर थोड़ा गैर से देखें तो पता चलेगा कोई दर्द में है, बस आपका थोड़ा सा समय उसके लिए जीवन दान बन सकता है। तो लोगों को सुने, कई बार गले लगाकर देखें, शायद उनका सब्र का बांध टूट जाएं और वे अपनी समस्या खुलकर आपसे कह पाएं।

ब्रेन का ख्याल रखना बहुत जरुरी है, इसके लिए हमें छोटी-छोटी चीजों को भी सही ठंग से करना चाहिए। जैसे हमारे बैठने का पॉश्चर, जिसके सही ना होने से हमारी रीढ़ की हड्डी में दर्द शुरु होने लगता है, और दर्द इतना अधिक बढ़ सकता है कि इसका असर ब्रेन पर पड़ सकता है। रीढ़ की हड्डी का सीधा कलेक्शन ब्रेन से, तो जब भी बैठे बॉडी को अराम दें, कष्ट नहीं।

ब्रेन को स्वस्थ बनाएं रखने के लिए योग और ध्यान को अपने डेली रुटिन में शामिल करें। योग से कई रोगों में लाभ मिलता है, इसी प्रकार ये मस्तिष्क को मजबूत करने में पूर्णता सहायक है। ध्यान से ब्रेन की एकाग्रता बढ़ती है। रोजाना करीब आधे घंटे के ध्यान से ब्रेन को पूरी तरह आराम दिया जा सकता है। जब हम सोते हैं तब भी हमारे अंग कार्य करते रहते हैं। तो यदि सोच विचार की शक्ति को बेहतर करना हो तो ब्रेन को आराम देना बहुत जरूरी है।

हम आज बड़ी-बड़ी महान हस्तियों के बारे में पढ़ते हैं, उसके जैसे सफल बनना चाहते है। पर क्या आप जानते हैं, जितनी भी बड़ी हस्तियां हमारे बीच है, वे सफलता के मुकाम पर तभी पहुंची जब उन्होंने स्वंय पर जीता हासिल की। खुद पर जीत हासिल करना सबसे बड़ी जीत होती है, जब हमारा ब्रेन हमारी हर बात सुने, ना की हम ब्रेन के हिसाब से काम करते रहे। तो मस्तिष्क को समझने के लिए योग और ध्यान से बेहतर कुछ नहीं है। तो भूले नहीं विचार देने वाले ब्रेन पर भी विचार करें और आज से ही ख्याल रहें अपनी मेंटल हेल्थ का।