स्वस्थ शरीर से ही बेहतर देश का निर्माण किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य दिवस कि इस वर्ष की थीम है, our planet, our health। जिससे उद्देश्य है, हमारे ग्रह पर रहने वाले हर मनुष्य के स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कराना। कोरोना काल ने लोगों के जीवन को बदलकर रख दिया है। कुछ उबर गए है, पर कुछ अब भी जूझ रहे हैं सेहत और मन से। हमने अक्सर लोगों से सुना है, मन के हारे हार है, मन के जीते जीत। तो इस विश्व स्वास्थ्य दिवस पर थोड़ा ध्यान डालते हैं मन पर.. क्योंकि यही तो है, जो हमारा सच्चा दोस्त है, इसका ख्याल ना रखा तो जीवन की मुश्किलों के लिए खुद को तैयार कैसे कर पाएंगे। बताते हैं आपको कुछ ऐसी बातें जिनका असर दवा से ज्यादा होता है, शरीर पर..
विश्व स्वास्थ्य दिवस हर साल 7 अप्रैल को मनाया जाता है। जिसे मनाने का मुख्य उद्देश्य होता है, सभी देशों में समान स्वास्थ्य सुविधाओं को फैलाने के लिए लोगों को जागरुक करना, मिथकों को दूर करना और सेहत से जुड़ी समस्याओं पर विचार कर काम करना। इस दिन विश्व स्वास्थ्य संगठन से जुड़े सभी देशों में अलग –अलग जागरुकता अभियान चलाएं जाते है। भारत अप्रैल माह को योग अमृत महोत्सव के साथ मना मना रहा है। इस व्यस्त जीवन में योग के जरिए शरीर को मजबूत किया जाना बहुत जरुरी है।
शरीर के हर अंग पर हम ध्यान देते हैं, पर हमारा मन जिसका कोई आकार नहीं है, हम उस पर काम करना भूल जाते हैं। मन से अर्थ है हमारी सोच, हमारी मनोस्थिति। सभी के जीवन में अपनी-अपनी समस्याएं है, पर कोई उनसे जल्दी निकल जाता है, तो किसी को वक्त लगता है। इस वक्त में दवा से इलाज तो बहुत कम ही लोग लेते हैं, क्योंकि दिमागी बातों का इलाज कराने वाले को पागल बोला जाता है। आज भी मनोचिकित्सक के पास जाने वालों को पागल का नाम करार दिया जाता है। एक ओर तो व्यक्ति अपनी सोच अपने मन से परेशान है, और लोग उसे बददिमाग कहें तो उसके लिए ये और भी मुश्किल हो जाता है।
अपने मन की तरफ ध्यान दें
कुछ बातें जिनसे खुद आप अपने मन का इलाज कर सकते हैं, जैसे समय-समय पर अपनों के साथ वक्त बिताएं। ध्यान रखें खुद का कि आप खुश है की नहीं। यदि बहुत समय से चेहरे पर मुस्कान न दिखें तो वजह पता करें। सबसे जरुरी, वह काम न करें जिसे करने से मन परेशान हो, जैसे यदि किसी व्यक्ति की बातें आपको दुखी कर रही हैं, तो कुछ दिनों के लिए उससे दूरी बनाएं। उन जगह पर जाएं, जहां आपको अच्छा लगता है।
अपने चाहने वालों से बात करें
मन को स्वस्थ करने का सबसे अच्छा इलाज है, प्रेम। प्यार से बड़ा कोई इलाज नहीं हैं। सभी के पास कोई अपना होता है, जो सही सलाह देता है, आपको समझता है। वो कोई भी हो सकता है, माता, पिता, दोस्त, पति ,पत्नी या बच्चें। आपको चाहने वालों को, आपको प्यार करने वालों को अपनी उलझन के बारे में बताएं। जिस तरह बड़े-बड़े देशव्यापी मुद्दों पर चर्चा कर समाधान निकल जाता है, उसी प्रकार बात करने से मन शांत होता है। हां हो सकता है कि आपको सुनने वाला व्यक्ति आपकी परेशानी में कोई मदद न कर पाएं, पर किसी के सामने अपना दिल खोलना ही इलाज का काम कर सकता है। बस याद रखें बातें करना बंद ना करें, रास्ते खुद ब खुद खुलेंगे।
याद करें, आखिरी बार कब थे ज्यादा खुश
दिनभर के व्यस्त रूटिन में हम ये भूल ही जाते हैं कि, हमने मुस्कुराना बंद कर दिया है। सारे काम हो रहे हैं, पर चेहरे पर रौनक नहीं है। महीने में एक बार आराम से बैठकर लिखें की आपने क्या-क्या किया, तो आपका ध्यान इस ओर जाएगा कि आपने खुद को कितना वक्त दिया। आप खुश रहे कि नहीं, यदि जवाब ना में हो तो समझ जाएं, समय है खुद का। फिर निकल जाएं वो करने जो खुद को खुशी दें।
खुशनुमा लोगों के बीच रहें
वातावरण का बहुत असर पड़ता है मन पर। तो ध्यान दें की जिन लोगों के बीच आप हैं क्या वे खुद खुश हैं। कभी- कभी दूसरों की परेशानी के बीच अपनी मुश्किल का इलाज मिल जाता है। तो यदि आपको ऐसा लगता है कि, कोई ऐसा व्यक्ति है जो पहले बहुत खुश रहता था पर अब नहीं, तो उससे बात करें। ऐसा करने से उसके और आपके दोनों के मन को खुशी मिल सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल को हुई थी, इसे ही ध्यान रखकर विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। 1950 को पहली बार डब्ल्यूएचओ से जुड़े सभी देशों ने इस दिन को मनाया। स्वास्थ्य संगठन की कोशिशों के साथ हमें खुद भी खुद का ध्यान रखना होगा। मन बहुत कोमल होता है, जीवन में हारकर कई लोग उसे खत्म भी कर लेते हैं, पर यदि कोई ऐसा मिल जाए जो थोड़ा प्यार दें, थोड़ा साथ देने की बात करें तो एक जिंदगी फिर से संवर सकती है। तो इस विश्व स्वास्थ्य दिवस पर थोड़ा वक्त निकालें और अपने मन को प्यार दें।