सिर्फ वैलेंटाइन डे नहीं ! बल्कि हर अहसास पर है गुलाब का हक

फूलों के राजा गुलाब (Rose) की डिमांड कभी कम नहीं होती है। गुलाब को पसंद करने वालों की संख्या ना के बराबर होती है। हर दिन किसान गुलाब की बड़ी-बड़ी खेप शहर भेजते हैं और रोजाना मार्केट में इनकी बहार बनी रहती है। पल खुशी का हो या किसी की विदाई का। गुलाब के फूलों का वहां होना तय होता है। अपनी दूर तक महकती खुशबू की ही तरह इसका इतिहास भी बहुत पुराना है। दिल के जज्बातों को बयां करने वाले इस रोज से जुड़े किस्सों को जानते हैं..

कांटे के बीच हर मौसम में खिलता फूल 

Rose

कांटे के बीच सजा यह फूल अपनी सुंदरता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। भारत में इसकी कई प्रजातियां पायी जाती है। गुलाब की खेती वैसे तो ठंड के मौसम में सबसे अच्छी होती है। पर डिमांड को देखते हुए आज के समय में सालभर इसकी खेती की जाती है। भारत के गुलाब की डिमांड विदेशों में भी होती है।

भावनाओं से जुड़ा एक फूल 

Colourful

यह फूल (Rose) प्रेम को, दोस्ती को और भक्ति को व्यक्त करने में हर दिन शामिल होता है। भावनाओं से जुड़ा यह फूल अपने अलग-अलग रंग के साथ रिश्तों को बयां करने में भी सहायक होता है। लाल गुलाब प्रेम में दिया जाता है तो सफेद दोस्ती में दिया जाता है। यह फूल लोगों के बीच स्नेह की डोर बांध जाता है।

उत्पादन में सबसे आगे ये राज्य 

Rose

भारत में सबसे अधिक गुलाब का उत्पादन कर्नाटक में होता है। यहां के किसान हर साल सबसे अधिक गुलाब (Rose) का उत्पादन करते हैं। देश की कुल गुलाब उत्पादन में कर्नाटक का 36.03 फीसदी की हिस्सेदारी है। यहां की मिट्टी और जलवायु गुलाब की खेती के लिए बेहतर मानी जाती है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और मध्यप्रदेश में होती है।

कभी रॉयल परिवार ही थे इसके हकदार 

Rose

लगभग 5 हजार साल पहले गुलाब की खेती की शुरुआत हुई थी। हालांकि इसका भी कोई प्रमाण नहीं है। रोमन काल के दौरान गुलाब की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। एक समय गुलाब सिर्फ रॉयल परिवार के पास दिखाई देते थे, फूलों की मौजूदगी पर भी भेदभाव था।

इंसानों ने लगाई पाबंदी, फूल ने दिया सभी को खुद पर हक 

Valentine's Day

समय आगे बढ़ता गया और यह फूल हर इंसान के हाथों में नज़र आने लगा। वैसे गुलाब ने खुद तो कभी कोई पाबंदी नहीं लगायी थी, ये तो इंसानों की सोच का फर्क था। आज गुलाब प्रेमियों के लिए इजहार है, तो बुजुर्गो के बीच आशीर्वाद है, शहीदों की कब्र पर सजा हार है तो मंदिर में भक्ति का भाव है, कहीं राजनीति के क्षेत्र में सजा द्वार है, तो किसी के लिए ये व्यापार बन जीवन यापन का साधन है। गुलाब पर हक सिर्फ वैलेंटाइन डे का नहीं अपितु हर दिन और हर पल का है।