आज षटतिला एकादशी (Ekadashi) है, जो हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष में मनायी जाती है। यह माह भगवान विष्णु को अतिप्रिय होता है। इस एकादशी में भगवान विष्णु की पूजा के प्रभाव से सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्राप्त होता है। षटतिला एकादशी पर तिल बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। आज के दिन तिल को 6 प्रकार से प्रयोग करने पर विशेष लाभ मिलता है।
माघ मास में भगवान विष्णु की पूजा अर्चना से मनुष्य को सुख-सौभाग्य, धन-संतान और मोक्ष प्राप्त होता है। षटतिला एकादशी (Ekadashi) को उपवास करके तिल को अलग-अलग तरह से प्रयोग में लाना चाहिए। तिल के अलग-अलग प्रयोग से जीवन में आ रही परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
इस वर्ष षटतिला एकादशी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 फरवरी को 8 बजकर 43 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहने वाला है। इस समय में अमृत योग का निर्माण होने वाला है और पूजा के लिए अमृत योग बहुत ही शुभ माना जाता है।
मान्यताओं के अनुसार इस दिन तिल का उपयोग करने से पुण्य कर्म भी बढ़ते हैं। षटतिला एकादशी पर किए गए तिल के उपयोग और दान का फल स्वर्ग में भी प्राप्त होता है। जिसका जिक्र षटतिला एकादशी की व्रत कथा में भी है।
तिल को इन 6 तरह से करें प्रयोग
स्न्नान- षटतिला एकादशी (Ekadashi) में स्नान करते समय थोड़ा तिल पानी में डाल लें। अब इस जल से स्नान करें।
दान – आज के दिन जरुरमंदों को तिल का दान करने से घर में सुख-संपन्नता बढ़ती है।
तर्पण – स्नान के बाद सूर्यदेव के अर्ध्य दें। जल के लोटे में कुछ दानें तिल के डालें इससे आपका स्वस्थ्य अच्छा होगा, और शक्ति प्रदान होगी।
हवन – पूजा के बाद हवन साम्रगी में तिल का प्रयोग करें। इसके इस्तेमाल से घर में एक नई ऊर्जा का वास होगा और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होगा।
भोजन – अपने खाने में तिल के कुछ दाने जररु शामिल करें। मनुष्य के शरीर को भोजन से ही ऊर्जा मिलती है, और जब भोजन में तिल षटतिला एकादशी पर शामिल होगा तो शरीर स्वस्थ्य होगा।
पूजन – विष्णु भगवान की पूजा में तिल का जरुर प्रयोग करें। आप चाहे तो अपने दीपक में कुछ दाने तिल के डाल सकते हैं, या तिल का भोग भगवान को अर्पित कर सकते हैं।