तुर्की में आज चारों ओर भारतीय सेना के लिए सम्मान और स्नेह उमड़ रहा है। भूकंप के बाद बिखरी हुई धरती पर हर आंखों में नमी रही, ऐसे में उम्मीद की किरण बनकर तुर्की पहुंची थी भारतीय सेना। जवानों ने वहां हर संभव मदद कर लोगों की जान बचाई। हालात काबू में आते ही अब सेना वतन वापस लौट आयी है। हमारे जवानों ने दूसरे तुर्की देश के हर दिलों में ऐसी जगह बना ली कि विदाई के वक्त दोनों तरफ आंखो में आंसू नजर आएं। रोते और गले मिलते, दो देशों का ऐसा नजारा बहुत कम देखने को मिलता है। ऑपरेशन दोस्त इंडिया के जवान बहुत बड़ी मिसाल बन गए हैं पूरी दुनिया के लिए। आपदा में दूसरे देश की मदद कर भारत देश ने यह साबित कर दिया है वह सभी के लिए हमेशा खड़ा है।
ऑपरेशन दोस्त के तहत भूकंपग्रस्त देश तुर्की में हर संभव मदद देकर NDRF की टीम देश वापस लौट आयी है। 6 फरवरी को तुर्की में भूकंप के बाद 24 घंटे के अंदर एनडीआरएफ की टीम मदद के लिए पहुंच गई थी। करीब 10 दिनों तक ऑपरेशन दोस्त के तहत इस आठवीं बटालियन के जवानों ने मदद के लिए हर संभव कार्य किए।
ऑपरेशन दोस्त इंडिया की टीम ने तुर्की में ऐसा माहौल बनाया जिसने हर दिल को जीत लिया। कही बुजुर्ग महिला सेना की एक जवान को प्यार से चुंबती नजर आयी, तो कही ईलाज के दौरान घायल तुर्कीवासी सेना के जवान से गले मिले। इस ऑपरेशन के तहत तुर्की में कई अस्पताल सेंटर तैयार किए गए जहां हर जरुरी सुविधा मुहैया कराई गई। यही वजह है की जब सेना की वापसी का वक्त आया तो हर कोई उनके जाने पर उदास नजर आया। ये जाबांज हीरो तुर्की के दिलों में इस तरह बस गये हैं की इनकी यादें अब हमेशा के लिए घर कर गई है।
एनडीआरएफ के जवान हिंडन एयरफोर्स पहुंचे जहां उनका बहुत शानदार स्वागत हुआ। एनडीआरएफ के आला अधिकारियों ने ऑपरेशन दोस्त को सफल बनाने के लिए सभी की तारीफ की। जवान हिंडन एयरपोर्ट से वायु सेना के अधिकारियों से मुखातिब होने के बाद गोविंदपुरम स्थित बटालियन के लिए रवाना हो गए।