साल 2024 की शुरुआत के साथ हम ये सुनते आ रहे हैं की ये साल शनिदेव (Shani Dev)का है, पर इसकी वजह को समझना भी जरुरी है। आखिर क्यों 2024 को शनिदेव का साल कहा जा रहा है। दरअसल हर अंक का कोई मतलब होता है। यहां 2024 का मूलांक होता है 8, ये शनि का अंक है। अर्थ्रात इस साल न्याय के देवता के अनुसान आपके जीवन में फल मिलेंगे। जानिए क्या प्रभाव होता है शनि का और किस तरह शनिदेव को प्रसन्न किया जाता है –
न्याय के देवता के समक्ष लागू होता है समान कानून
अब हमें यह ज्ञात है की साल 2024 शनिदेव का है। तो यहां इस बात को जानना भी जरुरी है की आखिर शनि देव (Shani Dev) किस तरह प्रसन्न होते हैं या उनकी कृपा किस तरह मिलती है। ज्ञात है की शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है। इनके समक्ष बिना अंतर के न्याय मिलता है। यह आपके कर्म के अनुसार ही आपको फल प्रदान करते हैं। यदि आप अपने काम को 100 प्रतिशत देते हैं तो फल भी आपको उसी प्रकार मिलता है। वहीं यदि काम में किसी प्रकार की बेईमानी कर रहे हैं तो फल भी अच्छा नहीं मिलेगा।
इस वर्ष काम में ना करें बेईमानी
साफ तौर पर यह तय है की ये साल हमें हमारे किए गए कर्मों के आधार पर फल की प्राप्ति होगी। तो आज से हमें इस बात पर ध्यान देना शुरु कर देना चाहिए की अपने काम के प्रति पूरी निष्ठा रखें। फिर उसके बाद दिन भर की मेहनत को शनिदेव (Shani Dev) को समर्पित कर दें। प्रभाव आपको जल्द ही नज़र आएगा।
साढ़े साती का समय पश्चाताप का नहीं, काम में बदलाव का
हमने अक्सर ये भी सुना है की शनि की साढ़े साती चलने से कई कठिनाइयां आ रही हैं। पर इस दौरान हम यह भूल जाते हैं की साढ़े साती का समय पश्चाताप करने का नहीं अपितु किए गए कर्मों में बदलाव का होता है। यदि किन्हीं कारणों से शनिदेव रुष्ठ हो गए हैं तो उन्हें फिर से मनाया भी जा सकता है। शनिदेव मेहनतकश,मजदूर, जरूरतमंदों और वृद्धजनों का प्रतिनिधित्व करते हैं। जो व्यक्ति इन लोगों का सम्मान करता है और अपने सेवा कार्यो से इन्हें प्रसन्न रखता है। शनिदेव उनसे प्रसन्न होते हैं। तो कर्मों में बदलाव कर, ग्रहों की दशा बदली जा सकती है।
शनिदेव को कैसे प्रसन्न करें
न्याय के देव को प्रसन्न करना है, उनका आशीर्वाद प्राप्त करना है तो अधिक से अधिक दान पुण्य करना चाहिए। जितना संभव हो जरुरमंदों की मदद करें, उन्हें दान दें। इसके साथ ही यदि नौकरी या करियर के क्षेत्र के तरक्की चाहते हैं तो प्रत्येक शनिवार को स्नान के बाद शनि यंत्र का जाप करें। शनिवार के दिन शाम में मंदिर जाकर उन्हें तेल, तिल चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही हर दिन अपने काम करने की जगह या पढ़ाई की जगह पर प्रवेश से पहले शनिदेव के मंत्रों का जाप करें। मंत्रों के जाप से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जीवन में तरक्की प्राप्त होती है।
शनिदेव के मंत्र
पहला मंत्रः- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः
दूसरा मंत्रः- ॐ शं शनिश्चरायै नमः