दर्दनाक इतिहास के बावजूद भी कायम है भारत के इस मंदिर का वैभव

अयोध्या में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को होने जा रहा है। इस ऐतिहास मंदिर का इतिहास बहुत ही दर्दनाक रहा है। कई लड़ाईयों और कईयों की जान जाने के बाद ये मंदिर आज पुन: अपने वैभव के साथ खड़ा हो रहा है। इसी तरह का खौफनाक इतिहास भारत के एक और अहम मंदिर (Famous Temple) का रहा है, जिसका नाम है सोमनाथ मंदिर। आइएं राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले एक बार थोड़ा पीछे मुड़कर सोमनाथ के इतिहास को भी जानते हैं।

मंदिर (Famous Temple) से जुड़ी दर्दनाक कहानी 

Famous Temple

भारत के मंदिरों (Famous Temple) की दीवारों के पीछे कई दर्दभरी कहानियां छुपी हुई हैं। हर मंदिर से जुड़ा एक दर्दनाक इतिहास रहा है। जब मंदिर तोड़ा गया तब हिंसा और विवाद हुआ और जब भी फिर से उसे निर्माण करने की बात चली तब भी विवाद और हिंसा हुई।

सोमनाथ मंदिर भारत के गुजरात के सौराष्ट्र में स्थित है। जो हिंदू धर्म के एक प्रमुख ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस ज्योतिर्लिंग की महिमा श्रीमद्भगवद्गीता, स्कंदपुराण और महाभारत जैसे कई वेद पुराणों में बताई गई है। किवदंतियों के अनुसार भगवान शिव को चंद्रदेव ने अपना स्वामी मानकर तपस्या की थी। इसलिए इस ज्योतिर्लिंग को सोमनाथ यानि ‘चंद्र के स्वामी’ के नाम से जाना जाता है।

पहला हमला (Famous Temple)

Famous Temple

इस मंदिर (Famous Temple) में भगवान शिव हवा के रुप में मौजूद बताएं जाते हैं।  सन् 1025 में  इस मंदिर की संपन्नता देख आक्रांता मोहम्मद गजनी ने मंदिर पर हमला बोल दिया। गजनी ने मंदिर को नष्ट कर वहां की सारी संपत्ति को लूट लिया। मंदिर के बचाव में आएं कई भक्तों ने इस दौरान अपनी जान भी गवांयी। इस पहले हमले के बाद इसका पुन: जीर्णोद्धार गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने करवाया।

दूसरा हमला 

इसके बाद दिल्ली की सल्तनत का कब्जा होने के बाद सन् 1297 इस मंदिर (Famous Temple) पर अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति नुसरत खां ने हमला किया। उसने गुजरात के कई मंदिरों को नष्ट कर दिया और अमूल्य संपत्ति को लूटकर लिया।

तीसरा और चौथा हमला 

Famous Temple

सन् 1395 में गुजरात के सुल्तान मुजफ्फरशाह ने मंदिर (Famous Temple) को फिर से तुड़वाकर सारा चढ़ावा लूट लिया। इसके बाद 1412 अहमद शाह ने फिर मंदिर पर हमला किया और मंदिर नष्ट कर दिया।

पांचवा और छठा हमला 

औरंगजेब ने अपने शासन में 1665 ईस्वी में पहला हमला किया। हमले के बाद जब उसे पता चलता की हिंदू उस स्थान पर अब भी पूजा कर रहे हैं तो उसने फिर से 1706 ईस्वी में सेना भेजी और दूसरी बाद हमला बोल दिया। इस हमले के बाद जब भारत का एक बड़ा हिस्सा मराठों के अधिकार में आ गया तो 1783 में इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने मूल मंदिर (Famous Temple) से कुछ ही दूरी पर पूजा के लिए सोमनाथ महादेव का एक मंदिर बनवाया। भक्तों की भिड़ एक बार फिर एकत्रित होने लगी।

1995 में पूर्ण आकार में आया सोमनाथ मंदिर (Famous Temple)

Famous Temple

आज हम जिस मंदिर (Famous Temple) का दर्शन सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के रुप में करते हैं, उसे भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बनवाया था। सरदार पटेल के प्रयासों से ये मंदिर एक बार फिर तैयार हुआ। जिसे 1 दिसंबर 1995 को भारत के पूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने राष्ट्र को समर्पित किया।

सोमनाथ (Famous Temple) दर्शन से मिलता है विशेष लाभ 

मान्यताओं के अनुसार सोमनाथ ज्योतिर्लिंग पर विधि-विधान से भगवान शिव का पूजन, स्मरण,मंत्र ,जप एवं रुद्राभिषेक करना बहुत शुभ माना गया है। इससे शिव भक्तों के सभी संकट और पाप दूर हो जाते हैं और पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

चूंकि इस शिवलिंग का निर्माण चंद्रदेव ने बनाकर कठोर तप किया था। चंद्रदेव को शिव का आर्शीवाद यहीं प्राप्त हुआ था। चंद्रदेव के आग्रह पर भगवान शिव और माता पार्वती यहीं विराजमान हुए। इसलिए सोमनाथ में चंद्र दोष की शांति के लिए भक्त पूजा करते हैं। यहां चंद्र दोष समाप्त होने के साथ ही, भगवान शिव के साथ चंद्रमा का आशीर्वाद भी मिलता है। धन-धान्य की प्राप्ति होती है, मानसिक रोगों से मुक्ति प्राप्त होती है।