सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) एक खगोलीय घटना है जिसमें चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक लेता है, जिसके कारण पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश कम या पूरी तरह से गायब हो जाता है। आमतौर पर साल भर में 1 सूर्य ग्रहण ही लगता है लेकिन इस साल 2024 में दूसरी बार लगने जा रहा है।
इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल 2024 को लगा था, जिसका विशेष प्रभाव अमेरिका और उसके आस पास के देशों में देखने को मिला था। इसलिए साल के अगले सूर्य ग्रहण को लेकर लोगों के मन में कई सवाल हैं, मसलन- यह सूर्य ग्रहण किस तारीख को लगने वाला है और क्या इस बार ये ग्रहण हम सब को दिखेगा या नहीं? तो चलिए जानते है कि कैसा होगा साल का दूसरा सूर्यग्रहण?
कब लगेगा साल का दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024)
साल का दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) हिन्दू कैलेंडर के अनुसार अश्विन माह की अमावस्या को पड़ रहा है। 2 अक्टूबर को पड़ने वाला यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 9 बजकर 13 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 3 बज कर 17 मिनट पर पूरा होगा। गौरतलब है कि यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा जिसके कारण कुछ देर के लिए धरती पर अंधेरा छा जायेगा। यह साल का दूसरा वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा जिसे रिंग ऑफ़ फायर भी कहा जाता है।
क्या होता है रिंग ऑफ़ फायर सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024)?
सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चन्द्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच में आ जाता है। जब चन्द्रमा पृथ्वी से सबसे दूर होता है और सूरज जब इसके पीछे आ जाता है, तब रिंग ऑफ़ फायर ग्रहण दिखाई देता है।क्योंकि पृथ्वी से दूरी होने के कारण ग्रहण के समय चन्द्रमा सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता है, और इस कारण सूर्य का प्रकाश चन्द्रमा के पीछे से एक रिंग के आकार में फूट पड़ता है। जिसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है।
भारत में नहीं दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
आपको बता दें कि पिछले सूर्य ग्रहण की तरह ही इस बार भी रिंग ऑफ़ फायर वाला यह सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2024) भारत में नहीं दिखाई देगा। यानि कि सूर्य ग्रहण देखने का इंतजार कर रहे लोगों को एक बार फिर निराश होना पड़ेगा। चूंकि ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
भारत के अलावा यह सूर्य ग्रहण दुनियाभर के कई देशों में दिखाई देगा। खास कर साउथ अमेरिकी देशों जैसे आर्कटिक, अर्जेंटीना, पेरू, फिज़ी, चिली, ब्राज़ील, मेक्सिको, न्यूज़ीलैंड, और प्रशांत महासागर में इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा।