कहां है चंद्रयान-3 ? जानिए कल ऑर्बिट को पकड़ने के बाद क्या होगा आगे..

इसरो का मून मिशन चंद्रयान-3(Chandrayaan 3) अंतरिक्ष में चंद्रमा की तरफ बढ़ता जा रहा है। जिसकी गति और हर एक्टिविटी पर इसरो टीम की कड़ी नज़र है। जो चंद्रयान-3 पर हर पल जानकारी ले रहा है। चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के साथ ही इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने जानकारी दी थी की ” सब कुछ ठीक रहा तो चंद्रयान 3 की 23 अगस्त, शाम 5.47 बजे IST पर चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग होगी”।

मिशन सफल होने की है पूरी उम्मीद

Chandrayaan 3

चंद्रयान 3 मिशन की सफलता में अब सिर्फ 20 दिन बचे हैं। 23 अगस्त को ये चंद्रमा की सतह पर उतर जाएगा। जिसके बाद भारत का नाम पूरी दुनिया में एक बार फिर सुनाई देगा। 5 अगस्त को ये चंद्रमा के ऑर्बिट को पकड़ने का प्रयास करेगा। जिसे लेकर 100 प्रतिशत ये उम्मीद जतायी जा रही है की ये सफल ही होगा। क्योंकि इसरो के वैज्ञानिक इसमें पहले भी सफलता हासिल कर चुके हैं।

ये तारीखें रहेगीं खास

chandrayaan 3

चंद्रयान 3 की लेडिंग को लेकर इसरों ने हर छोटी से छोटी जानकारी दी है। सबसे पहले 5 अगस्त को चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह से करीब 40 हजार किलोमीटर दूर वाली अंडाकार ऑर्बिट को पकड़ेगा। इसके बाद चंद्रयान-3,  17 अगस्त तक ऑर्बिट मैन्यूवर होगा। 17 अगस्त  को ही 100 किलोमीटर वाले ऑर्बिट में चंद्रयान-3 डाला जाएगा। इसके बाद प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे। 18 और 20 अगस्त को लैंडर मॉड्यूल की डीऑर्बिटिंग होगा। जिससे अर्थ है, चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल धीमे-धीमे चंद्रमा के 100×30 किलोमीटर के ऑर्बिट में प्रवेश करेगा।

अंतिम पढ़ाव 23 अगस्त को

लैंडर मॉड्यूल के चंद्रमा में प्रवेश करने के बाद अंतिम पढ़ाव 23 अगस्त को पूरा होगा। 23 अगस्त की शाम करीब पौने छह बजे चंद्रयान 3 की लैंडिंग होगी। इसरो की दी जानकारी के अनुसार अभी तक चंद्रयान-3 के इंटिग्रेटेड मॉड्यूल का मुंह चांद की ओर था। जिसे जल्द ही घुमाया जाएगा। ऐसा इसलिए क्योंकि डीऑर्बिटिंग या डीबूस्टिंग करते समय चंद्रयान-3 को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। भारत के लिए ये मिशन बहुत खास है। भारतीय वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत जुड़ी है इसमें, इस मिशन की सफलता से भारत के रास्ते चंद्रमा तक पहुंचा जा सकेगा।

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