सावन का पहला सोमवार (Sawan First Somwar 2023) आज है, देशभर के मंदिरों में भगवान भोलेनाथ की आराधना शुरु हो गई है। भक्त अपने भगवान की उपासना में लीन होकर बस उनकी सेवा में जुट गए हैं, व्रत उपासना कर रहे हैं। श्रावण मास में जप और ध्यान का विशेष महत्व है। सोमवार, चंद्र का दिन होता है और चंद्रग्रह के नियंत्रक शिव होते हैं। इसलिए सावन के मास में शिव की उपासना की जाती है।
#WATCH मध्य प्रदेश: सावन माह के पहले सोमवार के अवसर पर उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती की गई। pic.twitter.com/JDg8wvWC5s
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 10, 2023
श्रावण मास में की गई उपासना का बेदह लाभ मिलता है, भगवान शिव का अभिषेक कर उन्हें फूल और भोग अर्पित करने से शिव प्रसन्न होते हैं। इस पूजा के प्रभाव के स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं में लाभ मिलता है, विवाह में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं और संतान ना हो तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है।
पहले सोमवार का मिलेगा ये लाभ
#WATCH मध्य प्रदेश: सावन माह के पहले सोमवार के दिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में पूजा की गई। pic.twitter.com/hzRRsPeU36
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सावन के हर एक सोमवार (Sawan First Somwar 2023) का अलग-अलग लाभ मिलता है। पहले सोमवार का लाभ विवाह में आने वाली सभी अड़चनों को दूर करता है। जो लोग लंबे समय से विवाह के लिए वर-वधू तलाश कर रहे हैं पर विवाह के योग नहीं बन पा रहे हैं। उन्हें श्रावण मास के पहले सोमवार में पूजा अर्चना करने से विशेष लाभ मिलता है। शिव की उपासना में मंत्रों का जरुर जाप करें।
भगवान शिव के विशेष मंत्र
#WATCH उत्तर प्रदेश: सावन माह के पहले सोमवार के अवसर पर भक्तों ने कानपुर के नागेश्वर शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/43LhEY4HVX
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ॐ शिवाय नम:
ॐ सर्वात्मने नम:
महामृत्युंजय मंत्र- ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
शिव जी का मूल मंत्र
ओम साधो जातये नम:।। ओम वाम देवाय नम:।।
ओम अघोराय नम:।। ओम तत्पुरूषाय नम:।।
ओम ईशानाय नम:।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
रुद्र गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
शिव के प्रिय मंत्र
ॐ नमः शिवाय।
नमो नीलकण्ठाय।
ॐ पार्वतीपतये नमः।
ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।