राष्ट्रपति भवन में स्थित उद्यान मुगल गार्डन अब से अमृत उद्यान के नाम से जाना जाएगा। कई शहरों, सकड़ों के नाम बदने के क्रम में अब राष्ट्पति भवन के उद्यान का नया नाम रखा जा रहा है। अमृत उद्यान आम जनता के लिए 31 जनवरी से खुलेगा। ये उद्यान हमेशा से लोगों के आकर्षण का केंद्र रहा है। जिसकी खासियत हैं, यहां लगे ट्यूलिप और गुलाब के फूल। हर साल यहां लाखों लोग आते हैं। विभिन्न प्रजातियों के रंगीन फूल प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं। इसका इतिहास बहुत पुराना है, जिसे जानना हमारा इसके और करीब जाने जैसा है..
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सुंदरता के लिए मशहूर गार्डन
दिल्ली के रायसीना हिल्स स्थित राष्ट्रपति भवन के अंदर 15 एकड़ में फैला हुआ है मुगल उद्यान, जिसका नाम अब से अमृत उद्यान है। ये अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां 10 से अधिक गार्डन है, जिनमें कई सारी प्रजातियों के फूल लगे है। 10 गार्डन में क्रमशा: गुलाब, सेंट्रल लॉन और लॉग, सर्कुलर, स्पिरिचवल, 33 प्रकार की औषधियां, ढाई सौ बोन्साई, कैक्टस की 80 प्रजातियां, 27 वेरायटी नक्षत्र गार्डन और 160 वेरायटी के 5 हजार पेड़ों के गार्डन शामिल हैं।
निर्धारित समय के लिए खुलतें हैं उद्यान के गेट
ये बागीचा आम जनता के लिए फरवरी से लेकर मार्च में निर्धारित दिन तक ही घूमने लिए खुला रहता है। इसके अतिरिक्त यहां के गेट आम लोगों के लिए बंद रहते हैं। भ्रमण का समय सुबह 12 बजे से रात 9 बजे तक रहता है। उद्यान के फूलों की वजह से लंबी दूरी तक इनकी खुशबू का असर रहता है। इस वर्ष ये 31 जनवरी से खुल रहा है।
कई देशों के अध्ययन के बाद बना बागीचा
इन गार्डन में ब्रिटिश और मुगल दोनों की परछाई नजर आती है। वास्तुकार सर एडवर्ड लुटियंस इस गार्डन के जनक हैं, जिन्होंने पहले देश- दुनिया के उद्यानों का अध्ययन किया था, उसके बाद उन्हें 1 साल का समय लगा इसे तैयार करवाने में। उद्यान को राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद ने जनता के लिए खुलवाया था। उससे पहले यहां आम लोगों का जाना मना था।
एंट्री फीस
अमृत उद्यान के लिए सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन हैं सेंट्रल सेक्रटरिएट। यहां उतर कर कुछ दूरी पर ही ये उद्यान स्थित है। इस गार्डन में घूमने के लिए आपको किसी प्रकार का कोई भी शुल्क देने की जरुरत नहीं है। उद्यान में प्रवेश निशुल्क है। हफ्ते में एक दिन सोमवार को ये बंद रहता है। गार्डन में प्रवेश के पहले यह सुनिश्चित कर लें की आपके पास किसी प्रकार का कोई खान का सामान ना हो, नहीं तो वह आपको गार्डन के बाहर ही चैक इन में छोड़ना पड़ सकता है।
बदले नाम के साथ इस बागीचें की सुंदरता को और अधिक बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। आम जनता को बस इंतजार है 31 जनवरी का। ओपन होने के साथ पहले ही दिन बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो सकते हैं। सर्दी में फूलों की सुंदरता और अधिक बढ़ जाती है, यही वजह है कि इन दिनों ये गार्डन आम जनता के लिए खोले जाते हैं।