स्नेह के त्यौहार रक्षाबंधन में इन्हें भी करें शामिल

रक्षा कि एक डोर जो भाई की कलाई में बांधी जाती हैं, जिसमें बहन की शान होती है, उस एक डोर से भाई बहन का प्रेम और भी मजबूत हो जाता है, उसी डोर का दूसरा नाम है रक्षाबंधन। इस साल ये त्यौहार 11 अगस्त को मनाया जा रहा है। स्नेह के इस त्यौहार में उम्र के साथ बहुत बदलाव आ जाते है, बचपन में सभी के लिए ये दिन मस्तीभरा रहता है, पर बड़े होने पर ये बस उनके बच्चों का दिन बनकर रह जाता है। तो बात करते है आज उन लोगों की जो दूर हैं अपने प्यारे भाई से और अपनी प्यारी बहना से..

घर में त्यौहार मनाया जा रहा होता है, हर एक तैयारी का उसे ध्यान रखना है, ऐसे में वो सब पुरानी यादों को भूल सिर्फ आपका दिन बनाने में जुटी रहती है। तो इस बार उसको भी इस त्यौहार को जीने का अवसर दें, क्योंकि वो भी तो इस दिन किसी को याद करती है। मां है तो क्या हुआ, रक्षा का हर धर्म वो निभाती है। तो एक राखी मां से बंधवाए। फिर देखना उसकी आंखो में वो बचपन वाली चमक कैसे लौट आती है।

राखी के दिन राखी लाने से लेकर मिठाई, नरियल, गिफ्ट, रुमाल, का ख्याल रखते है वो, कैलेंडर लेकर शुभ मुहूर्त भी देखते रहते है, बार-बार टोकते भी नज़र आते है की दूर रह रहे भाईयो को फोन लगा कर पूछ तो ले की, पोस्ट की राखी मिली की नहीं? ये अपनी बेटी की राखी की फिक्र करते है ,भले ही इनकी कलाई सुनी रहे। तो आज अपने पापा को भी एक राखी बांधे, क्योंकि ये भाई से पहले आपके रक्षक बनकर आपकी हिफ़ाज़त कर रहे हैं। और हां , याद रखियेगा खीर हर पिता को पसंद होती है, तो उन्हें भाई से पहले इस बार खीर खिलाएं और उनका बचपन का एक लम्हा उन्हें इस राखी पर लौटा दें।

सफलता की उड़ान भरते-भरते पता ही नहीं चला की कब इतनी दूरियां आ गई की त्यौहारों से नाता छूटता चला गया। कभी ख्याल ही नहीं आया की अपनी बहन को या अपने भाई को पास बुलवा लें या उनके पास चले जाएं। नौकरी होती ही ऐसी है की जिसमें सब भूल कर बस काम करना होता है, तो दूर रह रहे भाई-बहन आज इस रोज फोन पर बात कर लें हो सकता है वो बीते पल आपको आज फिर करीब ले आएं। क्योंकि हर भाई के लिए उसकी बहन और बहन के लिए उसका भाई खास होता है, त्यौहार में दूर सही पर दिल के करीब होते है, और हां हो सके तो उनके लिए वो टॉफी या चॉकलेट जरूर ऑर्डर कर दें जिसके लिए आप दोनो हमेशा लड़ते थे।

घर परिवार के अलावा भी कुछ लोग ऐसे है, जो हमारी सेवा में लगे रहते है, जिनसे कोई रिश्ता तो नहीं पर वो खास होते है, जैसे गेट पर खड़े गार्ड, रोज ऑफिस पहुंचते ऑटो वाले, रोज खाना बनाने वाली आंटी, कोई भी ऐसा जो आपके दिल के करीब हो जिससे कभी कहा नहीं हो की उनका होना आपके लिए कितना जरूरी है। ऐसे लोगों को भी अपने त्यौहार में शामिल करें, क्योंकि आपकी छुट्टी है पर वो आपकी सेवा में इस दिन भी हाजिर हैं। राखी ना बंधवाए पर हो सके तो उनसे उनके बचपन के किस्से जरूर आज सुन लें, उनके लिए बस इतना ही काफी होगा। वो जाते-जाते अपनी यादों में उसी जगह पहुंच जायेंगे जहां कभी उनने भी रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया था।