राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रित हुईं ये हस्तियां, विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े हैं नाम

22 जनवरी को अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनने के लिए देश भर से राम भक्त उपस्थित होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस आयोजन में मुख्य रुप से उपस्थित होंगे और उनके साथ यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे। हिंदू परिषद और राम मंदिर ट्रस्ट द्वारा मंदिर (Ram Mandir) प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए कई लोगों को आमंत्रण भेजा गया है। जानिए बिजनेसमैन से लेकर फिल्म और आध्यात्म के क्षेत्र से जुड़ी कौन-कौन सी बड़ी हस्ती को निमंत्रण भेजा गया है –

आध्यात्मिक क्षेत्र से 

राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा (Ram Mandir) के लिए करीब 4,000 संतों को आमंत्रित किया गया है। जिममें काशी विश्वनाथ, वैष्णो देवी जैसे प्रमुख मंदिरों के प्रमुखों और अन्य धार्मिक संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित होंगे। इनके अतिरिक्त और भी आध्यात्म से जुड़े प्रमुख जनों को बुलावा भेजा गया है। जिनमें इन सभी का नाम शामिल है-

योग गुरु बाबा रामदेव

तिब्बती आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा

केरल की माता अमृतानंदमयी

छह दर्शनों के शंकराचार्य और लगभग 150 साधु-संत

फिल्म क्षेत्र से Ram Mandir प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित जन 

रामायण में प्रभु राम का किरदार अदा करने वाले अभिनेता- अरुण गोविल

रामायण में माता सीता का किरदार अदा करने वाली अभिनेत्री – दीपिका चिखलिया

अभिनेता- रजनीकांत

अभिनेता अमिताभ बच्चन

अभिनेता- ऋषभ शेट्टी

अभिनेता- धनुष

अभिनेत्री- माधुरी दीक्षित

अभिनेता- अनुपम खेर

अभिनेता- अक्षय कुमार

अभिनेता- चिरंजीवी

अभिनेता- मोहनलाल

निर्देशक – राजकुमार हिरानी

निर्देशक- संजय लीला भंसाली

निर्देशक- रोहित शेट्टी

उद्योग के क्षेत्र 

मुकेश अंबानी

अनिल अंबानी

गौतम अदाणी

रतन टाटा

खेल क्षेत्र से 

सचिन तेंदुलकर

विराट कोहली

रोहित शर्मा

राजनीति के क्षेत्र से 

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे

सोनिया गांधी

एच डी देवगौड़ा

ममता बैनर्जी

सीपीआईएम के महासचिव सीताराम येचुरी

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल

अन्य क्षेत्र से 

चित्रकार वासुदेव कामत

इसरो के निदेशक नीलेश देसाई

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा आयोजन को लेकर अयोध्या की सड़के सज-धज के तैयार हैं। अपने भगवान के आगमन के लिए हर घर सज रहा है। ये सिर्फ मात्र मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन नहीं रहा है, बल्कि आस्था की विजय का पर्व बन चुका है।