पद्म सम्मान वितरण समारोह में गायिका ऊषा बारले जी को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। सम्मान लेते वक्त उन्होने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी को बैठकर हाथ जोड़ कर नमन किया। उनका ये अंदाज हर किसी को लुभा गया। प्रधानमंत्री जी ने भी उनके नमन पर हाथ जोड़ कर अभिवादन किया। भारत आज यहां हर क्षेत्र में तरक्की हासिल कर रहा है, वहीं इस प्रकार के संस्कार इतने बड़े मंच पर देख हर किसी का मन झूम उठता है। ऊषा बारले छत्तीसगढ़ की पंडवानी गायिका है, उन्होंने अपने हुनर के जरिए भारतीय संस्कृति का बखान देश-विदेश में किया है।
#WATCH | Pandwani singer Usha Barle receives the Padma Shri from President Droupadi Murmu. pic.twitter.com/ndvwaBRCtD
— ANI (@ANI) March 22, 2023
54वें पद्म पुरस्कार वितरण समारोह में जब पंडवानी ऊषा बारले जी के नाम की घोषणा की गई तो वे बेहद ही सुसज्जित अंदाज में पधारी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष आते ही उन्हें दंण्डवत प्रणाम किया। उनके इस अंदाज को देखते ही पूरे हॉल में तालियों की गड़गड़ाहट गूंजने लगी। प्रधानमंत्री जी ने भी उन्हें अभिवादन स्वरुप हाथजोड़ कर नमस्कार किया। पीएम के साथ सामने की कतार में बैठे सभी मंत्रिगण भी उन्हें सम्मान के साथ मुस्कान भरे अंदाज में देखते रह गए। इसके बाद ऊषा बारले ने राष्ट्रपति द्रौपद्री मुर्मू को भी दंण्डवत प्रणाम किया। फिर खड़े होकर सम्मान लेने के लिए आगे बढ़ीं। ऊषा जी का ये अंदाज भारतीय संस्कृति की पहचान है, जिसे उन्होंने बखूबी दर्शाया है।
भारत सरकार ने उन्हें पंडवानी के क्षेत्र में बेहतर काम के लिए पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना है। ऊषा बारले अमेरिका और लंदन के 20 से अधिक शहरों में पंडवावी गायन पेश कर चुकी हैं। भारत में वे रांची, असम, गुवाहटी, गुना, भागलपुर, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, हैदराबाद, हरियाणा, कोलकाता, जयपुर में पंडवानी गायन के शो कर चुकी हैं। पंडवानी के अलावा वे अनेक लोक विधाओं में भी पारंगत है। अपने इस हुनर के जरिए वे देश-विदेश में अपनी भारतीय संस्कृति का प्रचार करना चाहती हैं।
ऊषा बारले ने जीवन में कई मुश्किलों से भरा दौर भी देखा है। उन्होने सम्मान लेने के बाद चर्चा में बताया की एक समय परिवार चलाने के लिए उन्होंने फल बेचने का काम भी किया है। उस कठिन समय में भी उन्होंने हार नहीं मानी और उसी वजह से ये मुकाम हासिल किया है।