3 महिने में FASTag की जगह लेगा GPS सिस्टम , तय दूरी का ही लगेगा शुल्क

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने हाईवे से सभी टोल बूथ हटाने की बात का  जवाब एक टीवी चैनल को दिया। उन्होंने बताया की जल्द ही GPS टोल सिस्टम (GPS Toll System) को लागू किया जाएगा। इस पर काम काफी समय से चल रहा है, जिसे पूरा होने में अब बस कुछ समय बाकी रहा है। ये नई प्रणाली कब से लागू होगी इसकी जानकारी भी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने दे दी है।

GPS टोल सिस्टम (GPS Toll System) बहुत समय से सुनने को मिल रहा है। जो अब जल्द ही शुरु भी हो जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ये ऐलान कर दिया है की 3 महिने के अंदर ये प्रणाली शुरु हो जाएगी। शुरुआत में ये पहले फेज में 5 हजार किलोमीटर पर GPS टोल सिस्टम लगेगा।

फास्टैग की जगह लेगा GPS सिस्टम 

जल्द ही टोल प्लाजा पर फास्टैग की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि भारत में नई टोल कलेक्शन टेक्नोलॉजी लागू होने वाली है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari)  ने इसकी जानकारी देते हुए पहले ही बताया था कि सरकार का लक्ष्य GPS बेस्ड टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करना है। जो वाहनों से टोल टैक्स लेने के पुराने सिस्टम की जगह लेगा। इस समय देश भर में फिजिकल टोल प्लाजा RIED बेस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाता है जिसे फास्टैग कहा जाता है। इसके माध्यम से ही टोल टैक्स काटा जाता है। जो धीरे-धीरे पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा।

नई प्रणाली क्या है, किस तरह करेगी काम 

नई GPS प्रणाली में वाहन की गतिविधियों को ट्रैक किया जा सकेगा। ये तय की गई दूरी के आधार पर टोल शुल्क की गणना करेगा। जिसमें दूरी के अनुसार ही शुल्क कटेगा। पहली की तरह पूरा शुल्क नहीं देना पड़ेगा, अर्थ्रात जितनी दूरी तय होगी उतना ही शुल्क लगेगा। 

नए सिस्टम के जरिए (Nitin Gadkari)  टोल कलेक्शन रास्ते के जरिए ही वसूल लिया जाएगा और इससे तयशुदा टोल प्लाजा की जरूरत खत्म हो जाएगी। इसके लिए हाईवे की जियोफेंसिंग की जाएगी जो कि ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (GPS) या फिर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID)के जरिए पूरी की जाएगी।