कुछ कर गुज़रने का ज़ज्बा तो बहुतों के पास होता है, पर कामयाबी तक पहुंचने के लिए इरादे पक्के होना जरुरी है। पर ये काम कर दिखाया एक महिला ने। जिनका नाम है नरगिस मोहम्मदी। जिन्हें साल 2023 के नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) देने का फैसला किया गया है। यहां चौकाने वाली बात ये है की नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाली नरगिस अभी जेल में हैं। उन्हें सम्मान दिए जाने की खबर जेल में ही मिली है। जानते हैं क्या कहानी है इस महान महिला की..
अत्याचारों के खिलाफ लड़ी लड़ाई
नरगिस मोहम्मदी (Nobel Peace Prize) मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं, जो ईरान की जेल में बंद है। जिसकी वजह है ईरान में महिलाओं के हक के लिए उनकी लड़ी गई लड़ाईयां। ईरान में महिलाओं के हालात से पूरी दुनिया वाकिफ है, ऐसे में नरगिस ने हमेशा महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद की है। जिसके बदले वे कई सालों से ईरान की जेल में सजा काट रही हैं।
नरगिस मोहम्मदी का अब का सफर आसान नहीं रहा है। उन्हें हर मोड़ पर सच के लिए विद्रोह करना पड़ा है। महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ बोलने पर उन्हें बार-बार जेल में डाल दिया गया है। नरगिस (Nobel Peace Prize) को ईरान की सरकार ने अब तक 13 बार अरेस्ट किया है। वे अभी भी जेल में ही कैद हैं। उन्हें करीब 31 साल की जेल और 154 कोड़ो की सजा मिली है।
मानवाधिकारों की लड़ाई ज़ारी
अपने जीवन की आधी उम्र में जेल में बिता चुकी नरसिग मोहम्मदी को नॉर्वे नोबेल समिति ने शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) के लिए चुना है। इस फैसले के आने के बाद से उनकी हर तरफ तारिफ की जा रही है। उन्होंने महिलाओं समेत ईरान के सभी लोगों के मानवाधिकारों और स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी है। ये लड़ाई अब तक ज़ारी है।
नरगिस का जन्म कुर्दिस्तान ईरान के जंजन शहर में 21 अप्रैल 1972 में हुआ। फिजिक्स की पढ़ाई खत्म करने के बाद उन्होंने इंजीनियर के पद पर काम किया। इसके साथ ही उन्होंने कई अखबारों के लिए आर्टिकल भी लिए। 2003 में तेहरान के ‘हिफेंडर्स ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर’ से जुड़ीं। इस संगठन को नोबेल पुरस्कार विजेता शिरीन एबादी ने शुरु किया था। नरगिस के पति फ्रांस में रहते हैं, वे भी एक समाज सेवक हैं। इस कपल के दो जुड़वा बच्चे हैं। नरगिस ने न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में बताया था की उन्होंने 1 साल से अपने बच्चों की आवाज़ तक नहीं सुनी है। उन्हें किसी से मिलने की भी अनुमति नहीं है।
जेल से न्यूयॉर्क टाइम्स को भेजा संदेश
ईरान जेल अधिकारियों ने नरगिस पर कड़ी पाबंदियां लगा रखी है। उन्हें किसी से फोन पर बात करने या किसी से मिलने तक की अनुमति नहीं है। इसके बावजूद किसी तरह उन्होंने एक बार न्यूयॉर्क टाइम्स को एक लेख भेजा था। जिसे अखबार ने “महसा अमिनी” की हत्या के पहले साल पर छापा था। इस खत में नरगिस मोहम्मदी ने कहा था की, “वे हममें से जितने ज़्यादा लोगों को गिरफ्तार करेंगे, हम उतना मजबूत होंगे”।
नरगिस की जीत हर महिला की जीत
नरगिस के इरादें पक्के हैं, वे सच्चाई की लड़ाई में कभी रुकना नहीं चाहती हैं। जेल में बंद नरगिस को नोबेल शांति पुरस्कार (Nobel Peace Prize) दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्हें 8.33 करोड़ का इनाम और एक गोल्ड मेडल दिया जाएगा। नोबेल कमेटी ने पीस प्राइज की घोषणा ईरान की महिलाओं के नारे “जन- जिंदगी-आजादी” के साथ की। नरगिस की ये जीत केवल उनकी जीत नहीं बल्कि हर महिला की जीत है।