Friday, September 20, 2024
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Nargis Birthday Special: ऑस्कर में भारतीय सिनेमा की “Mother India”

हिंदी सिनेमा की महान अभिनेत्रियों में से एक नरगिस दत्त ने एक से एक बढ़कर फिल्में दीं। उनका असली नाम फातिमा राशिद था। एक जून 1929 को जन्मीं नरगिस ने मात्र पांच साल की उम्र में बाल कलाकार के तौर पर फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। नरगिस ने अपने शानदार अभिनय के दम पर लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई। लेकिन साल 1957 में रिलीज हुई उनकी फिल्म ‘मंदर इंडिया’ में उन्होंने एक गरीब महिला राधा का किरदार निभाया था। जिसे दर्शकों ने तो पसंद किया ही इसके अलावा ये फिल्म ऑस्कर अवार्ड्स में तक गई थी। बतौर हीरोइन नरगिस की पहली फिल्म तमन्ना थी जो साल 1942 में सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गयी थी , जिसके बाद वे अपने समय की प्रमुख अदाकाराओं में से एक बन गईं और भारतीय सिनेमा में अपनी पहचान बना ली।नरगिस को उनकी अदाकारी और अभिनय के लिए कई पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिनमें पद्मश्री, फिल्मफेयर अवार्ड और नेशनल फिल्म अवार्ड शामिल हैं। उन्होंने अपनी अभिनय कला और रंगमंच में अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिलों में स्थान बनाया। अभिनेत्री नरगिस को उनकी अभिनय क्षमता के साथ-साथ उनके द्वारा किये गए सामाजिक कार्यों के लिए भी पहचाना जाता है।1940 के दशक से 1960 के दशक तक के करियर में नरगिस ने व्यावसायिक रूप से सफल फिल्मों के साथ-साथ कई ऐसी फिल्में भी दीं, जिन्हें आलोचकों ने बहुत सराहा। इनमें से कई फिल्में अभिनेता और फिल्मकार राज कपूर के साथ थीं। नरगिस द्वारा निभाए गए सबसे चर्चित किरदारों में एक किरदार ‘मदर इंडिया’ (1957) की राधा का है। इस फिल्म को अकेडमी अवॉर्ड के लिए नामांकित किया गया था और इस फिल्म के लिए नरगिस को फिल्म फेयर अवॉर्डस में सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार मिला था।

वर्ष 1958 में नरगिस ने ‘मदर इंडिया’ में अपने सह कलाकार रहे अभिनेता सुनील दत्त से शादी कर ली थी। इसके बाद उन्होंने फिल्म उद्योग को छोड़ दिया था। 1960 के दशक में वह कभी-कभी ही फिल्मों में दिखाई दीं। उस दौरान उनकी जो फिल्में आईं, उनमें ‘रात और दिन’ (1967) शामिल है। इसके लिए उन्हें प्रथम राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के तहत सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार दिया गया।वर्ष 1981 में नरगिस का निधन कैंसर के कारण हो गया था। नरगिस का निधन उनके बेटे संजय दत्त की पहली हिंदी फिल्म आने से कुछ दिन पहले ही हो गया था। वर्ष 1982 में नरगिस की याद में नरगिस दत्त मेमोरियल कैंसर फाउंडेशन की स्थापना की गई थी। नरगिस दत्त के सम्मान में राष्ट्रीय एकीकरण पर आधारित सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार वाषिर्क राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दिया जाता है।

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