नाग पंचमी (Nag Panchami 2023) पर कई सालों बाद बहुत शुभ योग बन रहा है। 21 अगस्त को सावन माहिने का सांतवा सोमवार है और नाग पंचमी (Nag Panchami 2023) भी है। जिस वजह से बहुत अच्छे योग बन रहे हैं। नाग पंचमी(Nag Panchami 2023) पर हम नागों की पूजा करते हैं। जिसका मुख्य कारण है, सांपो का भय ना हो और वे मनुष्य की रक्षा करें।
भगवान शिव और नाग देवता का मिलेगा आर्शीवाद
सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हर साल नाग पंचमी (Nag Panchami 2023) मनाई जाती है। नाग पंचमी पर नागों की पूजा का महत्व है। मुख्य रुप से हम वासुकी नाग की पूजा करते हैं। जो भगवान शिव अपने गले में हार की तरह लिपटे हुए रहते हैं। सावन सोमवार में शिव की पूजा का की जाती है। ऐसे में शिव के साथ उनके प्रिय नाग की पूजा भी की जाएं तो विशेष लाभ मिलता है।
24 साल बाद बन रहे विशेष योग
सावन का सोमवार और नागपंचमी (Nag Panchami 2023) एक साथ होने से इस बार विशेष योग बन रहे हैं। 21 अगस्त को शुभ नामक योग बनेगा और चित्रा नक्षत्र भी रहेगी। अधिकमास में की गई पूजा का मनुष्य को बहुत लाभ मिलता है। ऐसे में नाग पंचमी और सावन सोमवार भी एक ही दिन हैं। ज्योतिषियों के अनुसार ऐसा संयोग पूरे 24 साल बाद बना रहा है।
इस तरह पूजा से होगा दोष का निवारण
इस दिन नागदेवता की पूजा हल्दी, कुमकुम,चंदन से करें। नागदेवता की आरती उतारें। उनके लिए एक पात्र में दूध चढ़ाए। यदि किसी की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो, वे उसे दूर करने के लिए चांदी से बने नाग-नागिन के जोड़े को बहते पानी में प्रवाहित करें। इस दिन नाग देवता के मंत्रों का भी जाप करें।
नागचंद्रेश्वर मंदिर के दर्शन मात्र से मिलता है लाभ
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर में इस दिन खास पूजा होती है। इस मंदिर की खास बात ये है की इसके पट सालभर में केवल एक बार खुलते हैं, वो भी नाग पंचमी पर। मंदिर के पट रात 12 से खुलते हैं केवल 24 घंटे के लिए। मान्यता है की कालसर्प दोष की पूजा इस मंदिर में करने से दोष का निवारण होता है। ये मंदिर बहुत प्राचीन हैं जिसमें 11वीं शताब्दी की मूर्ति स्थापित है। ये मूर्ति भी अपने आप में बहुत खास है। जिसमें फन फैलाएं नाग पर शिव पार्वती जोड़े से विराजमान है। कहा जाता है ये मूर्ति नेपाल से लायी गई थी, जो दुनिया भर में केवल एक है।