Thursday, September 19, 2024
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महाशिवरात्री पर इस तरह करें शिव की आराधना

महाशिवरात्री, भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह उत्सव की रात्रि। पुराणों के अनुसार इस दिन भोलेनाथ अपनी बारात के साथ माता पार्वती से विवाह करने पहुंचे थे। शिवरात्रि तो साल भर में 12 आती है,पर महाशिवरात्रि का महत्व सबसे ज्यादा है। आज के दिन लोग सच्चे मन से व्रत पूजा करते है। भगवान के पसंद के फूल और भोग चढ़ाते है। भोलेनाथ अपने नाम की तरह भोले है, जो अपने भक्त की सच्ची आराधना से खुश हो जाते है।

हर वर्ष फाल्गुन मास के चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता है। इस बार महाशिवरात्रि 1 मार्च 2022, मंगलवार को है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। शिव भक्त इस दिन सच्चे मन से उनकी उपासना कर उनको प्रसन्न करते है। वैसे तो भोले की आराधना बहुत सरल है, पर कुछ चीजों का ध्यान रखकर भक्त अपनी मनोकामना पूरी कर सकते है।

इन बातों का रखें ध्यान
भगवान शिव की पूजा में किसी खास चीज का होना जरूरी तो नहीं है, पर उन्हें धतूरे के फूल बहुत पसंद है, इसलिए उनकी पूजा में इन फूलों को जरूर शामिल करना चाहिए। इस पूजा में शंख नहीं बजाया जाता है। तुलसी की पत्ती वर्जित होती है, फूल हर तरह के हो सकते है, बस लाल फूल नहीं चढ़ाए जाते हैं।
भोलेनाथ के पसंदीदा फूल
बेल भगवान शिव को बहुत पसंद है, इसलिए उनकी पूजा में बेलपत्र चढ़ाना बहुत अच्छा माना जाता है। इस बात का खास ध्यान रखें की सारी पत्तियां सही हो खंडित ना चढ़ाए। शमी की पत्तियों का भी खास महत्व है। मदार जिसे अकोवा भी कहते है, शिव को बहुत पसंद है। दुर्वा भी इस पूजा में जरूर चढ़ाए।
लाल टीका ना चढ़ाए 
भगवान शिव को कभी भी लाल टीका ना लगाएं, उसकी जगह चन्दन का प्रयोग करें। चावल मतलब अछत चढ़ाया जाना भी बहुत शुभ माना जाता है। चावल को चढ़ाने से पहले अच्छे से पानी में धो लें फिर चढ़ाएं। कभी भी सूखे चावल का प्रयोग ना करें। आज कल मार्केट में सभी तरह की पूजा का सामान उपलब्ध रहता है। महाशिवरात्रि की पूजा सामान में भस्म , अबीर, गुलाल जरूर शामिल करें।
सूर्योदय के पूर्व स्नान कर, साफ कपड़े पहन कर इस दिन व्रत करना चाहिए। वैसे तो पूरे दिन शुभ मुहूर्त होता है इस दिन , पर किसी खास इच्छा की पूर्ति के लिए मुहूर्त पर पूजा कर सकते है। शिव के अभिषेक के लिए जल, दूध, दही और मीठे का प्रयोग करें। जल तांबे के लोटे से चढ़ाएं, दूध के लिए कासे के लोटे का प्रयोग करें। भस्म, चन्दन लगाकर श्रृंगार करें। फूल अर्पण करें, भोग लगाएं। महाशिवरात्रि पर मृतुन्जय मंत्र का जाप करना चाहिए।
शिव पार्वती की पूजा से मन को शक्ति मिलती है। बेहतर स्वस्थ में लाभ मिलता है, लोगों के रुके काम पूरे होते है। घर,धन की इच्छा पूरी होती है, बस भक्त की सच्ची भक्ति शिव को खुश कर देती हैं।
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