05 मई को वैशाख पूर्णिमा पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। यह चंद्र ग्रहण उपछाया होगा, जिसमें चांद पर एक धुंधली सी परछाई दिखाई देगी। धार्मिक लिहाज से ग्रहण की घटना को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। ग्रहण के समय को शास्त्रों में अच्छा समय नहीं माना जाता है। ग्रहण के लगने से पहले और ग्रहण के दौरान कई तरह के कार्यों को करने की मनाही होती है। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी होती है। ग्रहण पर गर्भवती महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु का विशेष ध्यान रखना होता है। ऐसी मान्यताएं है कि ग्रहण का बुरा असर गर्भ में पल रहें बच्चों पर पड़ता है। इस कारण से ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं सावधानी बरतनी चाहिए।वैसे तो ग्रहण एक भौगोलिक घटना है, लेकिन इसका विशेष धार्मिक महत्व भी होता है। धार्मिक आधार पर ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 से 12 घंटे पहले ही सूतक काल लग जाता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। इस समयावधि में कुछ सावधानियां बरतने पर मान्यतानुसार ग्रहण का नकारात्मक प्रभाव कम हो जाता है। तो चलिए जानते है कि ग्रहण के पहले गर्भवती महिलाओं को किन बातों की सावधानी रखनी चाहिए और ग्रहण के समय क्या करें जिससे ग्रहण के नकारात्मकता से खुद का बचाव कर सकें।
चंद्रग्रहण का समय
वैदिक पंचांग के अनुसार साल का पहला चंद्रग्रहण 05 मई को रात 08 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो जाएगा जिसका समापन 6 मई की आधी रात को 01 बजकर 02 मिनट पर समाप्त होगा। इस ग्रहण की खास बात यह होगी कि यह एक उपछाया चंद्र ग्रहण होगा, जिसमें चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया मात्र पड़ेगी। इस चंद्र ग्रहण को हर एक स्थानों पर नहीं देखा जा सकेगा। 05 मई को लगने वाले चंद्र ग्रहण को एशिया, अंटार्कटिका, रूस, अफ्रीका और प्रशांत महासागर समेत दुनिया कुछ हिस्सों से देखा जा सकता है। यह चंद्र ग्रहण भारत के कुछ शहरों में भी दिखाई देगा। धार्मिक आधार पर सूतक काल अशुभ समय होता है और इससे बचने के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखा जाता है। गर्भवती महिलाओं को भी इस दौरान कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी जाती है।
- चंद्र ग्रहण पर गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ध्यान-
- चंद्र ग्रहण के दौरान चांद की किरणें अशुद्ध हो जाती है इसलिए गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
- जब भी ग्रहण की घटना घटे तब ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए।
- चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी भी तरह का कोई काम नहीं करना चाहिए।
- इस दौरान गर्भवती महिलाओं को खाना पकाने या खाने से बचना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान महिलाओं को कुछ भी काटना या सिलाई नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण की समाप्ति होने पर स्नान अवश्य करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान घर पर ही रहना चाहिए। किसी भी तरह की यात्रा करने से बचना चाहिए।
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं क्या करें–
- शास्त्र मतानुसार इस दिन महिलाओं को चंद्र ग्रहण का तनाव ना हो इसके लिए भगवान के मंत्रों का जाप करने की सलाह दी जाती है। मंत्रों का जाप करते रहने से गर्भवती महिलाएं अपने नकारात्मक विचारों से पार पा सकती हैं।
- इस दिन पवित्र नदियों के पानी से स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। पवित्र नदियां नहीं तो उनके पानी या गंगाजल को पानी की बाल्टी में डालकर स्नान करना भी शुभ होता है।
- ग्रहण के समय में हनुमान चालीसा का पाठ भी किया जा सकता है। इस दौरान हनुमान चालीसा के पाठ से ग्रहण की नकारात्मक ऊर्जा कम होती है।