संतान के अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए श्रेष्ठ है माताओं का हलछठ व्रत

संतान की सुख समृद्धि के लिए हलछठ (Hal Chhath) व्रत का बहुत महत्व है। भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को प्रतिवर्ष यह पूजन किया जाता है। माताएं इस दिन व्रत पूजन करती हैं। जिससे संतान की दीर्घ आयु होती है और सुख समृद्धि मिलती हैं। पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी का जन्म हुआ था। जिन्हें हलधर के नाम से भी जाना जाता है। यही मुख्य वजह है की इस दिन हल से जोते गए अनाज को व्रत रखने वाली महिलाएं नहीं खाती है। इस वर्ष हलछठ 5 सितंबर को मनाई जा रही है।

शुभ मुहूर्त

Hal Chhath

इस बार हलछठ (Hal Chhath) के योग दो दिन 5 और 6 सितंबर को हैं। शुभ मुूहूर्त 5 सितंबर को शाम 6.50 बजे से शुरु होकर अगले दिन 6 सितंबर रात्रि 8.55 बजे तक रहेगा। हल षष्ठी के दिन व्रत करने वाली महिलाएं व कन्याओं को महुआ की दातुन और महुआ खाने का विधान है। इस व्रत में हल से जोते हुए बागों या खेतों के फल और अन्न खाना वर्जित माना गया है। इस दिन दूध, घी, सूखे मेवे, लाल चावल आदि का सेवन किया जाता है।

कैसे करें पूजा 

Hal Chhath

इस दिन (Hal Chhath) सुबह स्नान कर व्रत रखना चाहिए। चौक बनाकर उस पर पटला रखें। सबसे पहले भगवान गणेश और माता गौरा को विराजित करें। फिर बलदाऊ जी के साथ भगवान कृष्ण को विराजित करें। पटले के चारों ओर सुंदर फुलेरा बनाएं। दीप जलाएं, भगवान का तिलक करें, उन्हें भोग लगाएं। इसके बाद महुआ, आम, पलास की पत्ती, कांसी के फूल, नारियल, मिठाई, रोली-अक्षत, फल, फूल सहित अन्य पूजन सामग्री से विधि-विधान से पूजन करें।

हल से जोते गए अनाज वर्जित इस दिन 

BalRam

इस व्रत में माताएं हल से जोती गई अनाज नहीं खाती हैं। खाने में केवल वे चीजे ही शामिल होती है जो तालाब या मैदान में पैदा होती है। जैसे तिन्नी का चावल, केर्मुआ का साग, पसही के चावल आदि। इस व्रत में गाय के किसी भी उत्पाद जैसे दूध, दही, गोबर आदि का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। हल छठ (Hal Chhath) व्रत में भैंस का दूध, दही और घी का प्रयोग किया जाता है। इस व्रत के दिन घर या बाहर कहीं भी दीवाल पर भैंस के गोबर से छठ माता का चित्र बनाते हैं। महिलाएं घर में ही तालाब बनाकर, उसमें झरबेरी, पलाश और कांसी के पेड़ लगाकर पूजा अर्चना करें। इसके साथ ही हल षष्ठी की कथा सुनी जाती है। ये व्रत संतान के सौभाग्य के लिए सबसे शुभ माना जाता है।