4 अगस्त को हरफनमौला कलाकार और पार्श्व गायक किशोर कुमार का 93वां जन्मदिन (Kishore Kumar) है। खंडवा, मध्यप्रदेश में जन्मे किशोर दा (Kishore Kumar) ने ढेरों फिल्मों और कई सारे गाने गाये हैं। 1946 में अपना फ़िल्मी सफर शुरू करने वाले किशोर दा को बॉलीवुड में संगीत के माध्यम से पहचान मिली। किशोर दा (Kishore Kumar) के गानों ने कई नायकों को महानायक बना दिया। बॉलीवुड के बड़े अभिनेता किशोर दा के गानों से मशहुर हुए। तो चलिए जानते हैं किशोर दा के फ़िल्मी और निजी जिंदगी से जुड़े सफर को-
किशोर दा (Kishore Kumar) का शुरूआती जीवन
किशोर दा का जन्म मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में 4 अगस्त 1929 को एक बंगाली परिवार में हुआ। उनका असली नाम अभास कुमार गांगुली था। उनके पिता जाने-माने वकील थे। किशोर कुमार के दो भाई और एक बहन थी। उनके बड़े भाई अशोक कुमार और अनूप कुमार भी फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता थे। खंडवा में अपनी स्कूलिंग बाद उन्होंने इंदौर के क्रिश्चियन कॉलेज में अपनी स्नातक की पढाई की।
मन्नू दा(Kishore Kumar) हुए उधारी के गाने से मशहूर
किशोर कुमार को अपनी हरफनमौला गायन शैली के चलते प्रसिद्धि मिली। 60 के दशक में उनका गाया गाना 5 रुपैया 12 आना बहुत प्रसिद्ध हुआ। इस गाने से जुडी एक रोचक कहानी है। जब किशोर दा इंदौर के कॉलेज में पढाई करते थे, तब वे कैंटीन से उधार लेकर खाया करते थे।
जब कैंटीन का उधार 5 रुपैया 12 आना हुआ तो कैंटीन संचालक उनसे वो पैसे मांगता। जिस पर किशोर दा अपने मज़ाकिया अंदाज़ में टेबल बजाते हुए गाने की धुन गुनगुनाया करते थे। बाद में इसी 5 रुपैया 12 आना पर उन्होंने एक शानदार गाना बनाया। जिसे उनके प्रशंसक आज भी बहुत पसंद करते हैं।
पहली बार किशोर (Kishore Kumar) ने किया योडलिंग का इस्तेमाल
किशोर कुमार बॉलीवुड के एक मात्रा ऐसे पार्श्व गायक थे, जो अपनी योडलिंग के लिए प्रसिद्ध थे। जबकि यह तमिल फिल्म के प्रतिभाशाली हास्य अभिनेता जेपी चंद्रबाबू थे जिन्होंने भारत में प्लेबैक सिंगिंग के रूप में योडलिंग की शुरुआत की थी। ऐसा माना जाता है कि किशोर कुमार ने अपने भाई अनूप कुमार के ऑस्ट्रियाई के दौरे के रिकॉर्ड को सुनकर योडलिंग सीखी। हिंदी प्लेबैक सिंगिंग में किशोर दा को यॉडलिंग का जनक माना जाता है।
जब मो. रफ़ी ने दी किशोर (Kishore Kumar) को आवाज़
वैसे तो किशोर कुमार ने कई नायकों और महानायकों के लिए अपनी आवाज़ दी। किशोर दा की आवाज़ आज उनके लिए एक पहचान है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किशोर दा के लिए किसने गाना गाया।
जी हां चौंकिए मत किशोर कुमार ने बॉलीवुड में एक अभिनेता के तौर पर अपबा करियर शुरू किया था। तब किशोर दा को मो. रफ़ी ने फिल्म रागिनी के लिए मन मोरा बावरा गाना गाया था। इसके अलावा बागी, शहजादा और शरारत जैसी अन्य फिल्में भी मो. रफ़ी ने ही अपनी आवाज़ दी थी जिनमें किशोर कुमार अभिनेता थे।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे किशोर(Kishore Kumar)
किशोर कुमार ने अपने फ़िल्मी करियर के दौरान कई गाने गाये। उन्हें भारतीय सिनेमा के सबसे मशहूर प्लेबैक सिंगरों में गिना जाता है। वे एक अच्छे अभिनेता के रूप में भी जाने जाते हैं। हिन्दी फ़िल्म उद्योग में उन्होंने बंगाली, हिंदी, मराठी, असमी, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम, उड़िया और उर्दू सहित कई भारतीय भाषाओं में गाना गाया।
किशोर कुमार को फिल्म जगत में अपने इस योगदान के लिए आठ फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिले, उनको पहला फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार 1969 में अराधना फ़िल्म के गीत रूप तेरा मस्ताना प्यार मेरा दीवाना के लिए दिया गया था। इसके साथ ही उन्हें कई मौकों पर अलग-अलग अवॉर्डों से सम्मानित किया गया है।
इमरजेंसी में आकाशवाणी पर बैन हुए किशोर कुमार (Kishore Kumar)
साल 1975 में देश में आपातकाल लागू था। तब एक सरकारी समारोह में भाग लेने से साफ मना कर दिया। इसलिए तत्कालीन सरकार ने किशोर कुमार के गीतों के आकाशवाणी से प्रसारित किए जाने पर पर रोक लगा दी थी। किशोर कुमार के घर पर आयकर के छापे भी डाले गए। यह दुर्भाग्य और शर्म की बात है कि किशोर कुमार द्वारा बनाई गई कई फ़िल्में आयकर विभाग ने ज़ब्त कर ली।