भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा आज से शुरु, जानिए इससे जुड़ी रोचक बातें

विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की शुरुआत आज से हो रही है। पुरी में इस विशाल यात्रा के लिए सारी तैयारियां हो चुकी है। रात करीब 10.04 बजे भगवान जगन्नाथ जी, बहन सुभद्रा और भाई बलदाऊ के साथ बाहर निकलेंगे। इसके बाद अगले दिन रात 7.09 बजे वे अपनी मौसी के घर गुंडिचा मंदिर जाएंगे और 9 दिनों तक वहीं रहेंगे। 9 दिन बाद भगवान जगन्नाथ की वापसी अपने मंदिर में होगी। रथ यात्रा हर साल आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया से शुरु होती है।

यह रथ यात्रा बहुत अहम मानी जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान जगन्नाथ रथयात्रा का फल सौ यज्ञों के बराबर माना गया है। यहीं वजह है की हर साल इस इसमें लाखों लोग शामिल होते हैं। इसलिए यहां खास इंतजाम किए जाते हैं, जिसके पीछे कई सारे पुजारियों और मंदिर के कर्मचारियों का हाथ होता है। भगवान जगन्नाथ और दोनों भाई बहन के लिए तीन रथ तैयार किए जाते हैं। तीनों अलग-अलग रथों में सवार होकर अपनी मौसी मां के घर रवाना होते हैं।

 

इस यात्रा से जुड़ी रोचक बातें 

– रथ तैयार करने में 2 माहिन का समय लगता है

– विशेष प्रकार की लकड़ियों से तैयार होता है रथ

– लकड़ी पर पहला प्रहार सोनों के हथोड़े से किया जाता है

-रथ बनाने वाले दिन में एक बार भोजन करते हैं और सात्विक भोजन करते हैं

– यात्रा पर निकलने के पहले भगवान को नहलाया जाता है, उनका श्रृंगार होता है

– सबसे पहले भगवान को खिचड़ी खिलाई जाती है, फिर फलाहार कराया जाता है

– 742 चूल्हों पर प्रसाद बनाया जाता है

– पुरी मंदिर की रसोई दुनिया की सबसे बड़ी रसोई मानी जाती है, यहां रोजाना 56 प्रकार के भोजन का भोग भगवान को लगाया जाता है

– यहां मंदिर का ध्वज रोज बदला जाता है, जिसकी प्रक्रिया बहुत अनोखी रहती है, जिसे देखने के लिए भक्त खड़े रहते हैं।