Thursday, September 19, 2024
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International Tiger Day: बाघों के संरक्षण में भारत सबसे आगे, 3 देशों से लुप्त हुई प्रजाति

आज International Tiger Day है, हर साल हम 29 जुलाई को ये दिन मनाते हैं। बाघों की संख्या में हो रही गिरावट को देखते हुए International Tiger Day मनाया जाता है। लोगों को बाघों की सुरक्षा के प्रति जागरुक कराना इसका उद्देश्य है। बाघों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास भी किए जा रहे हैं। भारत आज बाघों की सुरक्षा में सबसे ऊपर पहुंच चुका है, और कुछ ऐसे देश भी है यहां बाघ लुप्त हो चुके हैं। International Tiger Day पर जानते हैं क्या है बाघों की आज की स्थिती और क्यों जरुरी है इनकी सुरक्षा।

बाघों का होना अन्य प्रजातियों के लिए सरंक्षण का कार्य 

जीववैज्ञानिक रॉबर्ट टी. पेन के अनुसार बाघ अंब्रेला प्रजाति का जीव है। सामान्य परिभाषा में ये प्रजाति विस्तृत परास (Wide Range) वाले होते हैं। जिन पर अन्य प्रजातियां निर्भर करती हैं। ये उसी निवास में रहने वाले अन्य जीवों के लिए भी संरक्षण का कार्य करते है। सामान्यतः अंब्रेला प्रजाति सापेक्षिक रुप से उच्च कशेरुकी एवं विशाल काया वाले होते हैं। इनमें शामिल जीव हैं नॉर्दन स्पॉटेड आउल , टाइगर और ग्रिजली बियर।

बाघ दिवस मनाना कब से हुआ शुरु

International Tiger Day

20वीं सदी के बाद जंगली बाघों की संख्या में 95% से अधिक की गिरावट आयी। उस समय के अनुमानों के अनुसार आनेवाले 5 सालों में बाघ लुप्त हो सकते थे। इसी के चलते बाघ वालों देशों ने मिलकर 2010 में बाघ शिखर सम्मेलन का आयोजन किया। जिसमें 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने पर जोर दिया गया। उसी वर्ष से 29 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाने लगा। जिसका मुख्य उद्देश्य बाघों के संरक्षण के प्रति विश्व में जागरूकता फैलाना रहा।

आज बाघों की क्या है स्थिती

International Tiger Day

विश्व भर में केवल 13 देशों में बाघ बचे हुए हैं। दुनिया के 3 देश ऐसे भी हैं जहां बाघ सालों पहले लुप्त हो चुके हैं। इन सब से अलग भारत आज बाघों के लिए सबसे सुरक्षित और महत्वपूर्ण शरणस्थल बन गया है। हमारे देश में 70 प्रतिशत से अधिक जंगली बाघ फिलहाल मौजूद हैं। जिसकी मुख्य वजह है कुछ सालों से बाघ सुरक्षा के लिए किए जा रहे बेहतर कार्य।

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