मां को ईश्वर का दर्जा यू ही नहीं दिया गया है, निर्वार्थ प्रेम कहीं है तो सिर्फ मां के पास। इस बात को साबित कर दिखाया है अमेरिका में रहने वाली एलिजाबेथ एंडरसन (Breastmilk) ने। जो कहने के लिए तो दो बच्चों की मां है, पर सच में माना जाएं तो उन्होंने कई सारे बच्चों को जीवन दान दिया है। जिनके खास काम के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है। इनके किए गए कार्य से कई सारे प्रिमेच्योर बच्चों की जान बची है।
एलिजाबेथ कई सालों से अपना ब्रेस्ट मिल्क (Breastmilk) दूध बैंक को दान कर रहीं है। जहां से उनका मिल्क जरुरतमंद बच्चों तक पहुंचाया जाता है। अब तक वे 10350 लीटर ब्रेस्ट मिल्क दान कर हजारों जरुरतमंद बच्चों की मदद कर चुकीं है। 10350 लीटर ब्रेस्ट मिल्क दान का आकंड़ा साल 2015 से 2018 तक का है। जबकि वे ये कार्य 9 सालों से कर रहीं हैं।
पहले बच्चें के जन्म के बाद से उन्हें अधिक मात्रा में दूध उत्पन्न होता रहा। जिसे उन्हें कई बार फेंकना भी पड़ता था। एक दिन उन्होंने सोचा की यदि इसका सही इस्तेमाल किया जाए तो कई बच्चों की जान बचा सकती हैं। दूसरी बेटी के जन्म के एक हफ्ते बाद ही उन्होंने अपना दूध दान करना शुरू कर दिया। एलिजाबेथ 1 दिन में 6 लीटर दूध निकालती हैं, और दान करती हैं।
समस्या का वरदान में कैसे बदला जा सकता है ये भी एक की मां अच्छे से समझती है। ऐसा ही कुछ हुआ एलिजाबेथ के साथ। उन्हें हाइपरलैक्टेशन सिंड्रोम की वजह से ज्यादा दूध बनता है। जिस वजह से कई बार उन्हें स्तनों में दर्द की समस्या से गुजरना पड़ता था और मिल्क (Breastmilk)निकालकर फेंकना पड़ता था। पर जब उन्हें अपने बच्चों की तरह दूसरे बच्चों का ख्याल आया तो उनकी ये समस्या वरदान में बदल गई। खूब सारा ब्रेस्ट मिल्क जिसे वे ओवरफ्लो की स्थिति में बहा देती थीं वे दान करने लगीं। एलिज़ाबेथ के शरीर में प्रोलैक्टिन नामक बहुत सारा हार्मोन बनाता है और यही दूध उत्पादन को बढ़ाता है।