जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही PoK (Pakistan Occupied Kashmir) में भारत विलय की मांग बढ़ती जा रहे है। पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लगातार पाकिस्तानी आर्मी के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। पीओके में हो रहे प्रदर्शन में लोग हाथों में तिरंगा लेकर सडकों पर उतरे हुए है। ये लोग पाकिस्तान सरकार व सेना के खिलाफ पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। यहां महंगाई, बेरोजगारी और बदहाली चरम पर है। ऐसे में लोगों की जिंदगी नर्क बन चुकी है। लिहाजा पीओके के लोग पाकिस्तानी सेना और उसकी सरकार से नफरत करने लगे हैं। पीओके को लोग अब अपने क्षेत्र को भारत में विलय करने की मांग उठा रहे हैं। वह भारत से अपील कर रहे हैं कि पीओके को अपने क्षेत्र में मिला ले
आर्टिकल 370 हटाने से PoK को भारत में विलय की बढ़ रही मांग
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लोगों को रोजमर्रा की जरुरत के सामान के लिए भी जंग लड़नी पड़ रही है। यहां बिजली और आटे की कीमतों आसमान में हैं। ऐसे में लोगों को न खाने को रोटी मिल पा रही है और ना ही बिजली। इसलिए PoK के लोग अब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से PoK को भारत में मिलाने की उम्मीद लगा रहे हैं। इसकी एक बड़ी वजह जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाना बताया जा रहा है।
भारत के साथ जाना चाह रहे PoK के लोग
कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में विकास की गंगा बहा दी है। यहां सड़के, हाईवे, स्कूल, कॉलेज हॉस्पिटल और इंफ्रास्ट्रक्चर का जबरदस्त विकास हो रहा है। कश्मीर के लोगों को मूलभूत बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जा रहा है। लिहाजा अब कश्मीरियों का दिल भी पीएम मोदी के लिए धड़कने लगा है। ऐसे में Pok भला कहां पीछे रहने वाला है। कश्मीर की दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की देख वह खुद को पिछड़ता हुआ महसूस कर रहा है। लिहाजा उन्हें भारत के साथ रहने में अपना विकास दिख रहा है।
23 अरब रुपये का पैकेज भी नहीं आया काम
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी कि PoK में बगावत की आग ने और तेजी पकड़ ली है। यहां गेहूं के आटे, बिजली की ऊंची कीमतों और ज्यादा टैक्स के खिलाफ शुरू की गई। पूर्ण हड़ताल कई दिनों से जारी है। इसके चलते पाकिस्तान की सरकार को क्षेत्र में बढ़ती अशांति को खत्म करने के लिए तत्काल 23 अरब रुपये आवंटित करने पड़े। मगर पाकिस्तान सरकार का यह 23 अरब का पैकेज भी काम नहीं आया।
इस मदद के ऐलान के बाद भी क्षेत्र में हालात तब और खराब हो गए जब पैरामिलिट्री फोर्स पाकिस्तान रेंजर्स के जवानों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियों की बौछार कर दी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस घटना में कई प्रदर्शनकारियों की जान चली गई है। पुलिस और मानवाधिकार आंदोलन के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में कम से कम एक पुलिस अधिकारी की भी मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए।
पाकिस्तानी रेंजर्स की गोलीबारी में PoK में 3 लोगों की मौत
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) की राजधानी मुजफ्फराबाद में पाकिस्तानी रेंजर्स और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई है। इस झड़प में सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की गई गोलीबारी में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ की खबर के अनुसार, विवादित क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किए गए रेंजर्स पर क्षेत्र से बाहर निकलते समय हमला हो गया।
पाकिस्तान सरकार ने बदले दाम
खबर के अनुसार, जैसे ही काफिला (Pok) “आक्रोशित माहौल” में मुजफ्फराबाद पहुंचा तो प्रदर्शनकार्यों ने उस पर पत्थरों से हमला कर दिया। जिसका जवाब में रेंजर्स को आंसूगैस और गोलियों का इस्तेमाल करना पड़ा। गोलाबारी इतनी भीषण थी कि पूरा इलाका दहल उठा। इस घटना के बाद पाकिस्तानी सर्कार ने 40 किलोग्राम आटे की सब्सिडी दर 3,100 पाकिस्तानी रुपये से कम करके 2,000 पाकिस्तानी रुपये कर दी गई है। वहीं 100, 200 और 300 यूनिट से अधिक के लिए बिजली के दाम क्रमश: 3 रुपये, 5 रुपये और 6 रुपये प्रति यूनिट कर दिए गए हैं। इसके बाद भी PoK में लगातार प्रदर्शन जारी है। PoK के लोगों को अब सिर्फ भारत पर भरोसा रह गया है।