सावन के तीसरे सोमवार में शिव के तीनों स्वरुप की पूजा का है खास महत्व..

सावन का तीसरा सोमवार आज है, भगवान शिव (Mahakal Bhasm Aarti) को आज विशेष रुप से पांच मौसमी फलों का भोग लगाने का खास महत्व है। ऐसा माना जाता है की सावन का तीसरा सोमवार (Mahakal Bhasm Aarti) का दिन व्यापार, नौकरी और तरक्की से संबंधित होता है। आज की पूजा (Mahakal Bhasm Aarti) में आप कोई भी मौसमी फल चढ़ाएं और इसके बाद उसे जरुरमंदों में बांट दीजिए। ऐसा करने से तक्करी के रास्ते में आने वाली अड़चने हटेंगी।

सावन के तीसरे सोमवार में शिव के तीनों स्वरुप की आराधना का विशेष महत्व माना गया है। ये तीनों स्वरुप इस प्रकार हैं…

नीलकंठ

समुद्र मंथन में हलाहल विष निकला तो भगवान शिव ने मानवता की रक्षा के लिए उसे पी लिया। उन्होंने विष को अपने कंठ में ही रोक लिया, जिससे उनका कंठ नीला हो गया, तभी से वे नीलकंठ कहे जाते हैं। उनका ये स्वरुप मनुष्य को नियंत्रण रखना सीखाता है।

नटराज

भगवान शिव ने ही दुनिया में नृत्य, संगीत और कला का अविष्कार किया है। नृत्य कला के तमाम भेद और सूक्ष्म चीजें भी शिव जी ने अपने शिष्यों को बतायी हैं। इसी वजह से उन्हें नटराज कहा जाता है। उनके इस स्वरुप ने हमें कला के जरिए स्वंय के साथ मग्न रहने का गुण सीखाया है।

महामृत्युंजय

भगवान शिव के बारे में कहा जाता है कि उन्हें मृत संजीवनी विद्या का ज्ञान है। इससे मतलब है की वे सेहत संबंधित किसी भी समस्या या अकाल मृत्यु जैसी समस्या को भी दूर कर सकते हैं। मनुष्य को स्वस्थ्य शरीर के लिए  महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए।

व्यापार या नौकरी के रास्ते में किसी प्रकार की अड़चनें आ रही हैं तो आज के दिन शिव का अभिषेक जरुर करें। उन्हें चंदन और पुष्प चढ़ाएं और साथ ही कोई भी मौसमी फल चढ़ाकर उनकी पूजा करें। पूजा के बाद इन फलों को जरुरतमंदों में बांट दें। इस पूजा के प्रभाव से बेहतर व्यापार और नौकरी के रास्ते खुलेंगे।