बढ़ रहा है H3N2 का खौफ, जानिए क्यों नहीं लेना है एंटीबायोटिक दवाएं

इन दिनों सर्दी जुकाम की समस्या बहुत ज्यादा हो रही है। परेशान लोग अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं। ज्यादातर मौसम बदलने पर इस तरह की परेशानी होती है। पर ये सर्दी जुकाम आम मौसमी समस्या की तरह नहीं है, इसमें सिर में तेज दर्द, गले में दर्द और सीने में जकड़न होती है। तेज फीवर आता है और कम से कम 3 हफ्तों तक खांसी की शिकायत बनी रहती है। डॉक्टरों के अनुसार ये इन्फ्लुएंजा ए वायरस के H3N2 प्रकार की वजह से हो रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च इससे संबंधित दिशानिर्देश जारी कर रहे है। अब इसे लेकर केंद्र सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर दी है। बचाव के लिए कोविड 19 की गाइडलाइन फॉलो किया जा रहा है। कोविड का नाम सुनते ही लोगों के मन में सवाल आते हैं, क्या कोविड फिर लौट आया है? तो बताते हैं क्या है ये वायरस और कैसे मिलती है इससे निजात..

आमतौर पर हम सर्दी- जुकाम को ज्यादा सीरियस नहीं लेते हैं, और घर पर ही एंटीबायोटिक और एंटीएलर्जिक दवा खाकर समस्या को ठीक करते हैं। पर यदि इन दिनों आपको ऐसे कोई भी लक्षण नजर आएं तो सीधे डॉक्टर के पास जाएं, मेडिकल स्टोर्स नहीं। क्योंकि ऐसा करने पर ये समस्या गंभीर रुप ले लेती है। जिसकी खास वजह है इन्फ्लूएंजा वायरस का A सबटाइप H3N2। जिसमें तेज फीवर और सर्दी खांसी की समस्या होती है, और समय पर इलाज ना मिलने पर हालात इतनी खराब होती है कि अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है।

 आखिर क्यों नहीं लेना है एंटीबॉयोटिक्स

डॉक्टरों के अनुसार इस वायरस में एंटीबायोटिक दवाएं नहीं लेना है। जी हां, आमतौर पर किसी भी तरह का इंफेक्शन होने पर एंटीबॉयोटिक दी जाती है पर H3N2 वायरस में ये दवाएं नहीं लेना है। डॉक्टरों के अनुसार कोविड के दौरान एजिथ्रोमाइसिन और इवरमेक्टिन का व्यापक उपयोग किया गया है। जबकि इससे प्रतिरोध हुआ है। एंटीबायोटिक दवाओं को निर्धारित करने से पहले इस बात का पता होना जरुरी है कि शरीर में फैला हुआ संक्रमण जीवाणु है भी या नहीं। इसीलिए आईएमए के अनुसार शुरु में फीवर आने पर एंटीबायोटिक से बचें, क्योंकि फीवर तीन दिन में चला जाता है, पर खांसी की समस्या 3 हफ्तों तक रहती है।

क्या है इस संक्रमण के लक्षण

H3N2 वायरस की वजह से तेज बुखार आता है, उसके बाद कफ, मितली, उल्टी, गले में दर्द, शरीर में दर्द थकान और आंतो में सूजन की समस्या आता है। ये सारे लक्षण सामान्यता शुरुआत में होते हैं। यदि समस्या बढ़ती है तो सांस लेने में तकलीफ होती है और सीने में दर्द,खाने में तकलीफ, चक्कर आते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरुरी होता है। लक्षणों पर ध्यान देना बहुत जरुरी है। यदि ऐसे कोई भी लक्षण नजर आएं तो तुरंत एक्शन लें।

कैसे बचें इस संक्रमण से

इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के अनुसार आपको कोविड के अनुसार ही अपना ध्यान रखना है, जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके से बचें। सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें, मास्क लगाएं, उचित दूरी बनाकर रखें। अधिक परेशानी होने पर डॉक्टर को दिखाएं और उनकी दी हुई दवाईयां ही लें। बच्चों और बूढों का विशेष ध्यान रखना होगा। हाथों को समय-समय पर साफ करते रहें।

क्या नहीं करना हैं

कोविड के दौरान जो सब करने के लिए मनाही थी वहीं अब भी ना करें। जैसे दूसरों से हैंडशेक ना करें। इसकी जगह मेलजोल में नमस्ते करें। गले मिलने से बचें, किसी भी प्रकार से छूने से बचें। सार्वजनिक जगहों पर कभी भी ना थूंके। डॉक्टरों की सलाह के बिना किसी भी प्रकार की दवाएं ना लें। इसके साथ ही खाना खाते समय दूसरों के पास ना बैठें।

डॉक्टरों के अनुसार H3N2 वायरस में म्यूटेशन हो सकते हैं, इसलिए जरुरत है संक्रमित लोगों से बचें। इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हरी सब्जियों को अधिक से अधिक खाने में शामिल करें, फल खाएं। दिनचर्या सही रखने की जरुरत है। डॉक्टरों के अनुसार वायरस में सावधानी बरतने की जरुरत है। वायरस कोविड की तरह फैलता है कुछ उतना जानलेवा नहीं है।