ठंड के दिनों में चाय-कॉफी मिल जाए तो बस और कुछ की चाह नहीं होती। पूरे देश में 70 प्रतिशत चाय भारतीय पीते है, जो हर मौसम में पसंद कि जाती है, पर यदि मौसम सर्दियों का है तो लोग कॉफी पीना भी पसंद कर रहे हैं। धीरे-धीरे चाय और कॉफी पसंद करने वालों का प्रतिशत भी बराबर होता जा रहा है। तो जानते है आज इस कॉफी के इतिहास को और कितने प्रकार की ये होती है। क्योंकि जब हम बड़ी शॉप में कॉफी ऑर्डर करते है, तो अलग-अलग नाम सुन कर कन्फ्यूज हो जाते है, और ऑर्डर कैंसल कर देते है। तो जानते है आज, सर्दियों में गर्माहट का अहसास दिलाने वाली कॉफी के बारे में….
भारत में कॉफी का उत्पादन सबसे ज्यादा दक्षिण भारतीय राज्यों के पहाड़ी क्षेत्रों में होती है। यहां कुल 8200 टन कॉफी का उत्पादन होता है जिसमें से कर्नाटक राज्य में 53 प्रतिशत, केरल में 28 प्रतिशत और तमिलनाडु में 11 प्रतिशत कॉफी का उत्पादन होता है। पूरे विश्व में सबसे ज्यादा कॉफी का उत्पादन ब्राजील में होता है, इसके बाद वियतनाम और कोलम्बिया देश का नंबर आता है।
कॉफी के इतिहास की कहानी अलग-अलग है, कुछ लोग कहते है कि ये सबसे पहले अफ्रीका, वियतनाम, इंडोनेशिया और अमेरिका जैसे देशों में मिली थी। तो कुछ लोगों के अनुसार यूरोप में 16वीं शताब्दी और 17वीं के बीच काफी प्रचलित हुई थी। कुछ का मानना है कॉफी 850 ईस्वी के आसपास इथियोपिया देश में मिली थी। इसकी जन्मस्थली के रुप में मुख्य रुप से लाल सागर के दक्षिण छोर को माना जाता है।
कॉफी के फायदे
कॉफी का एक कप अल्जाइमर जैसी बीमारी से बचाता है, ये बल्ड प्रेशर को कम करने में मददगार है। कॉफी से स्फूर्ति आती है, आलस को दूर करने के लिए कॉफी का एक ट्रांग कप काफी होता है। वजन कम करने में सहायक है ये, इसके साथ टेंशन और स्ट्रेस को कम करने में ये सबसे ज्यादा सहायक है।
एस्प्रेसो- ये सबसे ज्यादा पसंद कि जाने वाली कॉफी है, इसको बाकी बेवरेज जैसे लाटे और कैपुचिनो बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। एस्प्रेसो सबसे प्योर कॉफी बेवरेज माना जाता है। इसे गर्म पानी में परफेक्ट मिक्स कर बनाया जाता है। इसमें रोस्टेड कॉफी की खुशबू होनी चाहिए तभी कॉफी पीने का सही मजा आता है।
अमेरिकानो- कैफे अमेरिकानो को एस्प्रेसो से बनाया जाता है, फिर भी ये बाकी कॉफी से अलग है। इसमें दूध पूरी तरह से गायब है, एस्प्रेसो को गर्म पानी में डाला जाता है, इसलिए इसका स्वाद रोस्टेड कॉफी बीन्स तरह आता है, इसे शुगर डाल कर सर्व करें पीने में और ज्यादा अच्छी लगेगी।
कैपुचिनो- कॉफी का ये प्रकार भी सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है, कैपुचिनो बनाने के लिए एस्प्रेसो कॉफी, गर्म दूध, झाग वाले दूध को बरिस्ता के जरिए टोपिंग के लिए प्रयोग किया जाता है। कॉफी बीन्स के साथ दूध में मिक्स होने पर जो फ्लेवर आता है, उसकी वजह से कैपुचिनो को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है।
माकिआटो- इस कॉफी को बनाने के लिए एक्प्रेसो का इस्तेमाल किया जाता है, 35 ml एक्प्रेसो में मिल्क फोम मिलाया जाता है, यह कॉफी मेकर से तैयार किया जाता है। कॉफी में मिलाकर फॉम वाली माकिआटो कॉफी तैयार होती है। जिन लोगों को स्ट्रांग कॉफी पीना पसंद होता है, उनके लिए ये सबसे अच्छी है।
लाटे- ये कॉफी का टेस्टी फ्लेवर है, जिसे बनाने के लिए आपको एस्प्रेसो की सहायता लेनी पड़ेगी। 25 ml एस्प्रेसो डालने के बाद आपको उसमें 50 ml मिल्क डालना है, उसके बाद 25 ml मात्रा में आपको ऊपर मिल्क फोम डालना है। लाटे बनाने के लिए तीनों ही सामग्री को एक सीमित मात्रा में मिलाएं। ये बहुत ही क्रीमी कॉफी होती है, जो लाइट और टेस्टी होती है।
मोका- मोका कॉफी लाटे और कैपुचीनो की तरह ही बनाई जाती है, इसमें एक छोटा सा फर्क होता है। सबसे पहले कैपुचीनो तैयार करे उसके बाद उसके ऊपर थोड़ा सा चॉकलेट सिरप डालें, बस तैयार है कॉफी का नया फ्लेवर जिसे नाम दिया गया है “मोका”।
दोस्तों के साथ हो या परिवार के साथ बातचीत का एक जरिया कॉफी हो सकती है, ये चाय -कॉफी ही हैं जो अच्छी यादें बनाती है। तो अब कॉफी ऑर्डर करने जाएं तो कन्फ्यूज ना हों, और अपनी पसंद का ऑर्डर करें, वो भी बिंदास। सर्दियों में बेहद फायदेमंद होती है ये एक कप कॉफी, फिर चाहे उसका कोई भी प्रकार हो।