औषधीय गुणों से भरपूर “पान”, पेट से जुड़ी हर बीमारी में है लाभदायक

पान के बारे में कौन नहीं जानता होगा। देश भर में लोग पान का आनंद लेते हैं। पान को लेकर ‘खइके पान बनारस वाला’ गाना भी बनाया गया है। पान का इस्तेमाल पूजा-पाठ आदि शुभ कार्यों में भी किया जाता है। इसके अलावा क्या आप यह जानते हैं कि पान एक जड़ी-बूटी की तरह भी काम करता है, और पान के कई सारे औषधीय गुण हैं। क्या आपको पता है कि सिर दर्द, आंखों की बीमारी, कान दर्द, मुंह के रोग, बच्चों की सर्दी में पान के इस्तेमाल से फायदे ले सकते हैं। इतना ही नहीं, कुक्कर खांसी, सर्दी-जुकाम, ह्रदय रोग, सांसों के रोग में भी पान के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।

आयुर्वेद के अनुसार आप सूजन, फाइलेरिया, शारीरिक कमजोरी में पान के औषधीय गुण के फायदे तो ले ही सकते हैं, साथ ही दुबलेपन की समस्या, घाव, मिर्गी, बुखार, सांप के डसने पर भी पान से लाभ ले सकते हैं।

पान को माउथ फ्रेशनर की तरह खाते है। लेकिन, कभी आपने सोचा है कि इन पत्तों में ऐसा क्या है जो कि मुंह, पेट और डाइजेशन के लिए अच्छा माना जाता है। इसके पीछे दो खास वजह हैं, पहला ये एंटीबैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है। दूसरा, ये हीलर है जो कि पेट को ठंडा करता है और बॉडी हीलिंग में मदद करता है। इन्हीं कारणों से सेहत से जुड़ी कई समस्याओं में आप पान का पानी पी सकते हैं। क्यों और कैसे, जानते हैं आगे इस बारे में विस्तार से..

पान क्या है?

पान को नागबल्ली, श्रीवाटी, अम्लवाटी, अम्लरसा भी बोला जाता है। बहुत साल पहले से पान का इस्तेमाल व्यवहार, मुंह-शुद्धि, सुगन्धि एवं रुचिवृद्धि के साथ पूजा-पाठ आदि शुभ कार्यों और उत्सव में किया जा रहा है। इसकी लता कोमल होती है जो फैलती है। इसके तने चिकने, मजबूत, छोटी जड़ के सहारे ऊपर चढ़ने वाले होते हैं। इसके पत्ते पीपल के पत्तों के समान बड़े और चौड़े होते हैं। पान के पत्तों का रंग हरा होता है। बनारस में होने वाला पान सबसे उत्तम माना जाता है।

पान के पानी के फायदे

1. ब्लोटिंग की समस्या में

पान का पानी ब्लोटिंग की समस्या को कम करने में मददगार है। इस पानी को पीने से पेट के अस्तर को ठंडक मिलती है और शरीर में डाइजेस्टिव एंजाइम्स बढ़ते हैं। इसके पेट में सूजन नहीं होती और फिर ब्लोटिंग की समस्या कम होती है। तो, अगर आपको खाना खाने के बाद ब्लोटिंग की समस्या परेशान करे तो आपको पान का पानी पीना चाहिए। पेट की सूजन को अक्सर ब्लोटिंग या पेट में गैस के रूप में जाना जाता है। यह ज्यादातर मामलों में गैस का एक कारण होती है। कई अन्य स्थितियां भी ब्लोटिंग का कारण बन सकती हैं जैसे कि पीरियड्स, कब्ज, आंत संबंधी समस्याएं आदि। ज्यादातर मामलों में ब्लोटिंग किसी की डाइट के कारण होती।

2. एसिडिटी में

एसिडिटी में पान का पानी पीना सेहत के लिए कई प्रकार से मददगार है। दरअसल, ये शरीर में हो रहे एसिड प्रोडक्शन और एसिड रिफ्लक्स की समस्या को कम करता है। इससे आपको पेट में जलन नहीं होती और अपच जैसी समस्याओं से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा ये फैट और कार्ब्स पचाने वाले एंजाइम्स को बढ़ावा देता है जिससे लंबे समय तक आप एसिडिटी से बच सकते हैं।

3. पेट की जलन कम करने में

पेट की जलन कम करने में पान का पानी कारगर तरीके से मददगार है। इस पानी को पीने से एसिड बाइल जूस का प्रोडक्शन कंट्रोल में रहता है और ये बॉडी हीट को कम करने में मददगार है। सुबह खाली पेट इस पानी को पीना पाचन तंत्र की समस्या को कम करने के साथ पेट की जलन और गर्मी को कम करने में मददगार है। इस, प्रकार से पान का पानी पीना आपको सेहत के लिए फायदेमंद है।

4. पान के औषधीय गुण से सिर दर्द का इलाज

सिर दर्द होने पर पान के इस्तेमाल से लाभ मिलता है। कान के चारों तरफ पान के पत्तों को बाँधने से सिर दर्द से आराम मिलता है।

5. आंखों के रोग की आयुर्वेदिक दवा है पान

पान के रस में बराबर मात्रा में शहद मिला लें। इसे काजल की तरह आंखों पर लगाने से आंखों की नई बीमारियों जैसे पलकों के रोग में लाभ होता है।

6. कान दर्द के इलाज की आयुर्वेदिक दवा है पान

कान दर्द में भी पान से लाभ होता है। 1-2 बूँद पान के पत्ते के रस को कान और आंख में डालने से कान दर्द और रतौंधी में लाभ होता है।

7. सर्दी-जुकाम में पान के सेवन से फायदा

वयस्क और बच्चें दोनों के लिए सर्दी-जुकाम में पान का इस्तेमाल करना फायदेमंद होता है। पान की जड़ और मुलेठी को पीस लें। इसे मधु के साथ चाटने से सर्दी-जुकाम में लाभ होता है। पान की डंठल को को भी घिस कर इसमें शहद मिलाकर चाटने से बच्चों को सर्दी और कफ में आराम मिलता है।

नोट: पान के औषधिये उपयोग के लिए डॉक्टर की सलाह अवश्य लें !