भारतीय टीम के स्टार खिलाड़ी विराट कोहली (HBD Virat Kohli) का आज अपना 35वां जन्मदिन है। कोहली आज के समय में सबसे ज्यादा एक्टिव खिलाड़ी है। भारतीय टीम में उनका होना जीत की उम्मीद के जैसा हो गया है। खेल के मैदान पर उनका आउट होना फैंस के लिए सदमें से कम नहीं होता है। कोहली का बल्ला जब भी चलता है तो एक बड़ा आकंड़ा बनाकर ही रुकता है। इनकी लाइफ बाहर से जितनी आसान नज़र आती है उनकी कभी भी नहीं रही है। रिकॉडो से भरे करियर के हर मोढ़ पर उन्होंने एक बड़ी कीमत चुकायी है।
बचपन से ही बल्ले से कर ली दोस्ती
5 नवंबर 1988 को नई दिल्ली में एक पंजाबी परिवार में विराट कोहली (HBD Virat Kohli) का जन्म हुआ। पिता का नाम प्रेम कोहली और मां का नाम सरोज कोहली। कोहली परिवार में तीन बच्चें हुए विकास, भावना और विराट। जिसमें विराट सबसे छोटे और हमेशा सभी के दुलारे रहे। विराट के पिता एक क्रिमिनल वकील थे। पिता ने 3 साल की उम्र में ही अपने बेटे की प्रतिभा को पहचान लिया था। परिवार के अनुसार विराट बचपन से ही बल्ला लिए घुमते रहते थे।
क्रिकेट में फोकस करने के लिए घर से दूर भी रहे
9 साल की उम्र में विराट ने वेस्ट दिल्ली क्रिकेट अकेडमी में क्रिकेट खेलने शुरु कर दिया था। उन्होंने कोच राजकुमार शर्मा के अंडर में ट्रेनिंग लेना शुरु कर दिया था। वहीं उसके साथ-साथ उन्होंने वसुंधरा एन्क्लेव में सुमीत डोगरा अकेडमी में मैच खेलना भी शुरु कर दिया। इसके अलावा 9वीं क्लास में क्रिकेट पर फोकस करने के लिए विराट पश्चिम विहार शिफ्ट हो गए। क्रिकेट के लिए उनका ये जुनून बढ़ता जा रहा था, ऐसे में उन्हें परिवार का भी भरपूर साथ मिला।
वर्ष 2002 में दिल्ली अंडर 15 टीम के लिए विराट (HBD Virat Kohli) ने अपना पहला मैच पोली उमरीगर ट्रॉफी में खेला था। साल 2003-04 के सीज़न में वे टीम के कप्तान भी बन गए। इसके बाद 2004 में कोहली दिल्ली की अंडर 17 टीम में विजय मर्चेंट ट्रॉफी के लिए चुन लिया गए। फिर कई प्रयासों के बाद वे कोहली ने दिल्ली अंडर 17 में 2004-05 का विजय मर्चेंट ट्रॉफी सीज़न जीता। इस ट्रॉफी में विराट कोहली 7 मैचों में 757 सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने। उनके बल्ले से 2 शतक भी देखने को मिले थे। साल 2006 में उन्होने अपना लिस्ट ए करियर का डेब्यू सर्विसेस के खिलाफ किया था। जबकि उन्होंने तमिलनाडु के खिलाफ दिल्ली के लिए खेलते हुए अपने फर्स्ट क्लास करियर की शुरुआत की थी।
अपने पिता को ऐसे दी श्रद्धांजलि
विराट की लाइफ में पिता का साथ सबसे बड़ा सपोर्ट रहा। उनके पिता ने उन्हें बचपन से ही हार्डवर्किंग और अनुशासन से जोड़े रखा। जिसका परिणाम पूरी दुनिया ने देखा। 18 दिसम्बर, 2006 को विराट कोहली (Virat Kohli) के पिता प्रेम कोहली की मृत्यु दिल का दौरा पड़ने की वजह से हो गई। विराट का अगले दिन कर्नाटक के खिलाफ मैच था। ऐसे में अपने पिता के मृत्यु के ठीक एक दिन बाद विराट मैदान में बल्लेबाज़ी करने के लिए उतरे और उन्होंने शानदार 90 रनों की पारी खेली। आउट होते ही वे पिता के अंतिम संस्कार में पहुंचे।
क्रिकेट जगत में विराट का नाम छा गया। दुखद समय में वे पिता के सीखाएं मार्ग पर चले। विराट का ये अंदाज हर किसी के दिल को छू गया। विराट के अनुसार पिता को इससे अच्छी श्रद्धांजलि वे नहीं दे सकते थे। पिता के जाने के बाद परिवार में आय का साधन नहीं रहा, मां ने ये जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली। मां को देखकर ही विराट ने कुछ बड़ा कर गुजरने की ठानी।
फैमिली मैन विराट कोहली
विराट (Virat Kohli) के लिए जीवन में परिवार का अहम स्थान है, वे अपने मां, भाई, बहन, पत्नी और बच्ची वामिका के साथ क्वालिटी टाइम बिताना पसंद करते हैं। पत्नी अनुष्का शर्मा के जीवन में आने को बहुत खास बदलाव बताते हैं। उनके अनुसार करियर के एक मोढ़ पर वे बहुत परेशान चल रहे थे, पर जब अनुष्का से उनकी मुलाकात हुई तो वे खुश रहने लगे। उनके अंदर का दुख खत्म हुआ और वे फिर पहले की तरह टेंशन फ्री रहने लगे। इस कपल की एक प्यारी से बेटी वामिका है, विराट अपनी बेटी को भी अभी से ही फिटनेस की तरह बढ़ा रहे हैं।
आज फैंस को इंतजार बनेगा नया रिकॉर्ड
विराट कोहली (Virat Kohli) के नाम कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज है। इस समय वर्ल्डकप 2023 चल रहा है और आज भारत का मुकाबला साउथ अफ्रीका से है। विराट के लिए आज फैंस दुआएं मांग रहे हैं, की वे अपनी 49वीं सेंचुरी बनाकर क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर की बराबरी का रिकॉर्ड बन सकते हैं। विराट आज ये रिकॉर्ड बनाते हैं तो फैंस के लिए गिफ्ट से कम नहीं होगा।