Friday, September 20, 2024
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सकारात्मक ऊर्जा का भंडार है हनुमान जी की चालीसा

कलयुग में एक ही भगवान धरती पर विराजमान है, जिनकी भक्ति मनुष्य की सबसे बड़ी ताकत है। प्रभु राम की भक्ति में लीन हनुमान जी की सच्चाई और उनकी कोमलता का कितना भी वर्णन किया जाए और कितना भी उन्हें जाना जाए कम है। इनके नाम मात्र से ही मनुष्य के कष्ट दूर हो जाते हैं, आज हनुमान जयंती पर जानते हैं अंजनीनंदन हनुमान जी की चालीसा शक्ति के बारे में..

पूजा के लिए शुभ मुहूर्त                                                                   हनुमान प्रकटोत्सव

इस वर्ष हनुमान जयंती 6 अप्रैल को मनाई जा रही है। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:06 बजे से 7:40 बजे तक और दोपहर में समय 12:24 से 1:58 मिनट तक का है। वहीं शाम के समय में भी 5:07 बजे से 8:07 बजे तक है। इन शुभ समय में हनुमान जी की आराधना का विशेष लाभ मिलेगा। वैसे तो हनुमान जी भगवान शिव की ही तरह साधारण उपासना से ही प्रसन्न हो जाते हैं, पर उन्हें सिंदूर और चोला चढ़ाने का इस दिन खास महत्व होता है। हनुमान जी को पीला और केसरी रंग बहुत प्रिय है, इसलिए इस रंग के फल उन्हें अर्पित करना सही होता है।

हनुमान प्रकटोत्सव

क्या होती है चालीसा

प्रतिदिन घरों में और मंदिरों में हनुमान जी की चालीसा का पाठ किया जाता है। जिसे लेकर कई बार मन में सवाल आते हैं की ये चालीसा क्या होती है और कैसा होता है इसका प्रभाव? जिसका उत्तर है, भगवान या अपने इष्ट को प्रसन्न करने के लिए सरल भाषा में की गई प्रार्थना “चालीसा” होती है। हनुमान चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने की। उन्होंने इस चालीसा में प्रभु हनुमान से जुड़ी हर एक बात को समाहित किया है और उनकी शक्ति, उनके पराक्रम का इसमें अच्छे से वर्णन किया गया है। चालीसा की चौपाईयों में हनुमान जी की रची लिलाओं का वर्णन हैं। भक्त इसे आनंद के साथ गातें हैं और अपने प्रभु हनुमान की आराधना करते हैं।

हनुमान चालीसा का प्रभाव

तुलसीदास जी की इस चालीसा में मानव जीवन की हर समस्या का समाधान है। विद्या बुद्धि और एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है ये चालीसा, स्वास्थ्य की बाधाओं से बचाने में सहायक है ये चालीसा, परेशानी और क्रोध से मुक्ति दिलाती है ये चालीसा। इसके साथ ही रिश्तों को भी मजबूत करती है हनुमान जी की चालीसा। इसकी हर एक पंक्ति, दोहे और चौपाई में जीवन का सार छुपा है। देखा जाए तो भगवान हनुमान का जीवन ही प्रेरणा का भंडार है। हनुमान जी जन्म के साथ ही एक उद्देश्य लेकर धरती पर आए। वे अपने प्रभु राम की जीवन यात्रा के सहयोगी बने। उनके बिना रक्षसों का नाश हो ही नहीं पाता।

नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है हनुमान चालीसा से 

हुनमान चालीसा में एक दोहा है, “रघुपति कीन्ही बहुत बडाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई” अर्थात भगवान राम स्वंय हनुमान जी की बडाई करते हैं, और उन्हें अपने सभी भाईयों की तरह स्नेह करते हैं। एक भक्त को इसके अतिरिक्त और क्या चाहिए होता है की उनके भगवान उनकी प्रशंसा करें। जिसे ईश्वर का स्नेह मिल जाए उसे किसी ओर चीज की आवश्यकता नहीं होती। भगवान राम की भक्ति से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं, इस बात का जिक्र भी हनुमान चालीस में किया गया है। इस चालीसा का प्रतिदिन पाठ करने से मनुष्य जीवन का उद्धार होता है। शोध रिसर्च में भी ये साबित हो चुका है, की इस चालीसा के प्रभाव से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। हनुमान जी ज्ञान का भंडार हैं, इसकी उपासना से बल और बुद्धि दोनों की प्राप्ति होती है।

हनुमान प्रकटोत्सव

 

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