सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंध के बाद भी फोड़े गए पटाखे, पहले से अधिक जहरीली हुई दिल्ली की वायु

राजधानी दिल्ली में इन दिनों सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण (Air Pollution) हो रहा है। ऐसे में क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त करने के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली सहित आसपास के क्षेत्र में पटाखों पर बैन कर रखा था। जिसका कोई असर नहीं नज़र आया। दिपावली के अवसर पर दिल्ली वासियों ने जमकर आतिशबाजी की। परिणाम ये निकला की दिल्ली की हवा पहले से और ज्यादा प्रदूषित हो गई है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को नहीं माना रहवासियों ने 

फैस्टिवल दिपावली पर वायु प्रदूषण (Air Pollution) ना हो इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने पहले से ही राजधानी दिल्ली में पटाखों पर बैन लगाकर रखा था। जिसे रहवासियों ने नज़रअंदाज करते हुए जमकर आतिशबाजी की। जिसका असर यह रहा की दिल्ली में पहले के मुकाबले आज के दिन और ज्यादा वायु जहरीली हो चुकी है। राजधानी के करोल बाग में एक्यूआई 500 के पार पहुंच गया है। पीएम 2.5 का स्तर डब्लूएचओं के मानकों के लिहाज से 43 गुना ज्यादा रहा। एक्यूआईसीएन के मुताबिक दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 900 के पास पहुंच गया है, जो सबसे खतरनाक श्रेणी में आता है।

दिपावली के बाद खतरनाक स्तर पर पहुंचा (Air Pollution) प्रदूषण 

Air Pollution

दिपावली की शाम तक एक्यूआई स्तर 218 था। जो दिवाली के अगले दिन बढ़कर 999 तक हो गया है। प्रदूषण की जानकारी देने वाली एजेंसी aqicn.org के अनुसार आनंद विहार क्षेत्र में वायु प्रदूषण  (Air Pollution) का उच्चतम स्तर दर्ज किया गया है। सुबह 5 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 969 खतरनाक तक पहुंच गया।

प्रदूषण मुक्त AQI का स्तर क्या होना चाहिए

सामान्य रुप से सांस लेने के लिए उचित स्वस्थ AQI 0-50 के बीच माना जाता है। जबकि 300 से अधिक का मान ‘खतरनाक’ (Air Pollution) वायु गुणवत्ता को दर्शाता है। वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। आनंद विहार में AQI 296, आरके पुरम में 290, पंजाबी बाग में 280 और ITO में 263 है।

100 मीटर की दूरी तक देखना हुई मुश्किल 

दिल्ली में आज सुबह इंडिया गेट के पास 100 मीटर की दूरी तक देखना भी मुश्किल रहा। आने-जाने वाले लोगों को सुबह 8 बजे के बाद भी गाड़ियों की बत्ती जलाकर रखना पड़ा। आज के दिन दिल्ली के लगभग हर इलाके में सांस लेने में लोगों को समस्या हो रही है। सांस के मरीजों के लिए के दिल्ली में रहना मुश्किल हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट को निर्णय फॉलो ना कर दिल्ली वासियों ने स्वंय के लिए सांसों से खिड़वाड़ किया है। जिसका परिणाम (Air Pollution) खतरनाक होता जाएगा।