वर्ल्ड कप 2023 में आज 28 अक्टूबर को पहले मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड आमने-सामने है। यह मुकाबला धर्मशाला के हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम में खेला जा रहा है। खेल के साथ धर्मशाला (Dharamshala) की सुंदर वादियां हमेशा लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई रहती हैं। अभी का समय सबसे अच्छा होता है यहां की वादियों में घूमने का। तो खेल के साथ आज थोड़ा भारत के इस खूबसूरत हिल स्टेशन को भी जानते हैं।
भारत का सबसे शांत हिल स्टेशन
धर्मशाला (Dharamshala) भारत का सबसे शांत हिल स्टेशन हैं। समुद्र तल से 1,457 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह शहर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा घाटी में स्थित है। तिब्बती और कांगड़ा संस्कृतियों का एक विशिष्ट मिश्रण धर्मशाला में पाया जा सकता है। जो दलाई लामा का घर भी है। पर्यटक और भक्त साल भर इस हिल स्टेशन पर आते हैं। ये शहर रेल, सड़क और हवाई मार्ग से आस-पास के शहरों और कस्बों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। तो यहां पहुंचने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है।
क्रिकेट मैदान
यहां राजसी हिमालय पर्वत श्रृंखला की गोद में बसा एक छोटा सा क्रिकेट स्टेडियम है। जो समुद्र तल से 1,457 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। आपको बता दें कि यह क्रिकेट मैदान दुनिया के सबसे ऊंचे खेल मैदानों में से एक है। धर्मशाला (Dharamshala) में क्रिकेट स्टेडियम का दौरा करते समय आपको कुछ अजीब महसूस होता है। शानदार प्राकृतिक के बीच और लगातार चलती ठंडी हवाएं आपको एक अलग शांति महसूस करवाएंगी।
नामग्याल मठ
यहां की वादियों में शांति का अहसास होने की भी खास वजह है। इन वादियों में ध्यान का प्रभाव मौजूद है। धर्मशाला (Dharamshala) के मैक्लोडगंज में नामग्याल मठ एक प्रसिद्ध पर्यटक है आकर्षण रहा। इस प्रसिद्ध मठ में लगभग 200 भिक्षु हैं, जो इसे तिब्बत के बाहर सबसे बड़ा तिब्बती मंदिर बनाते हैं। यहां कई मंदिर, किताबों की दुकानें, स्मारिका और अन्य आकर्षणों के साथ, यह परिसर दलाई लामा के निवास का भी घर है। मठ अपनी जीवंत उपस्थिति के कारण पूरे साल भीड़ को आकर्षित करता है। पर्यटक कई बार सिर्फ इस मठ का आनंद लेने आते हैं।
त्रिउंड हिल
इन (Dharamshala) वादियों के बीच स्थित त्रिउंड हिल ट्रेकर्स और एडवेंचर चाहने वालों के बीच पसंदीदा है। त्रिउंड के चारों ओर एक लुढ़कता हुआ परिदृश्य है, जो 2850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। अपने ट्रेकिंग ट्रेल्स के साथ आप त्रिउंड हिल पर लुभावने दृश्य देखने जाएं। एडवेंचर के बाद रात में खुले आसमान के नीचे सितारों की गिनती जरुर करें। यहां रात के शिविर का प्रबंध रहता है, यहां पर्यटकों को हर जरुरत का सामान मिलता है।
ज्वालामुखी देवी मंदिर धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला (Dharamshala) में माता ज्वाला देवी शक्ति के 51 शक्तिपीठों में से एक है यह धूमा देवी का स्थान बताया जाता है। चिंतपूर्णी, नैना देवी, शाकम्भरी शक्तिपीठ, विंध्यवासिनी शक्तिपीठ और वैष्णो देवी की ही भांति यह एक सिद्ध स्थान है। मान्यताओं के अनुसार यहां पर भगवती सती की महाजिह्वा भगवान विष्णु जी के सुदर्शन चक्र से कट कर गिरी थी। मंदिर मे भगवती के दर्शन नौ ज्योति रुपों मे होते हैं। जिनके नाम क्रमशः महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती, हिंगलाज भवानी, विंध्यवासिनी,अन्नपूर्णा, चण्डी देवी, अंजना देवी और अम्बिका देवी है। हर साल यहां हजारों भक्त आते हैं और माता का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
डल झील
डल झील निचली धर्मशाला (Dharamshala) से 11 किमी दूर है और पहाड़ियों के पास देवदार के पेड़ों के बीच स्थित है। यह स्थान ट्रेकिंग और भ्रमण के लिए एक शुरुआती बिंदु है जो वॉक के लिए झील के चारों ओर कवर किया गया है। इस झील के किनारे छोटा शिव मंदिर भी स्थित है जहाँ पर हर साल एक शानदार मेला लगता है।
वॉर मेमोरियल धर्मशाला
वॉर मेमोरियल धर्मशाला में देखने की खास जगहों में से एक है। यह स्मारक शहर के पास देवदार के जंगलों में स्थित है और यह जगह यात्रा करने के लायक है। यहां एक सुंदर जीपीजी कॉलेज है जिसका निर्माण ब्रिटिश काल के दौरान किया गया था। यह स्मारक है जो धर्मशाला के प्रवेश बिंदु पर उन लोगों की याद में बनाया गया है जिन्होंने हमारी मातृभूमि की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी थी।