जानिए क्या है नया “Transport Law”, जिसके चलते 3 दिनों तक नहीं मिलेगा डीजल-पेट्रोल

आज देश भर के सभी राज्यों में नए कानून “हिट एंड रन” को लेकर विरोध चल रहा है। मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित कई राज्यों में आज ड्रायवर्स की कड़ी हड़ताल (Drivers Strike) देखने को मिली। शाम होते तक सभी राज्यों में पेट्रोल की किल्लत हो गई। ड्रायवर्स की हड़ताल का सीधा असर डीजल पेट्रोल पर पड़ा। जानकारी के अनुसार आने वाले 3 दिनों तक लोगों को डीजल-पेट्रोल की किल्लत का सामना करना पड़ेगा। जानिए क्या है ये नया परिवहन कानून और क्यों कर रहे हैं ड्रायवर्स हड़ताल-

क्या है हड़ताल की वजह ?

आए दिन हो रही सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए केंद्र सरकार ने नए नियम लाए हैं। जिसमें से सबसे अहम है “हिट एंड रन” कानून। जिसके मुताबिक दुर्घटना में मृत्यु होने पर ड्राइवर को दस साल की जेल और पांच लाख रुपए जुर्मान होगा। जिसे लेकर देश भर के बस और ट्रक ड्राइवर्स विरोध (Drivers Strike)कर रहे हैं। हालांकि यह कानून सभी ड्राइवर्स पर लागू होगा। कार चालक भी इसके दायरे में आएंगे।

पेट्रोल और डीजल की हुई किल्लत 

Drivers Strike

1 जनवरी की सुबह से ही ड्राइवर्स ने पेट्रोल और डीजल के टैंकर चलाना बंद कर दिए। जिससे पंप तक पेट्रोल-डीजल पहुंच नहीं सका। यह हड़ताल (Drivers Strike) एक से तीन जनवरी के लिए की गई है। इसका एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है। जिसमें ड्राइवर्स एसोसिएशन ने हड़ताल की घोषणा की है। शाम होते ही मध्यप्रदेश के कई हर शहरों में पेट्रोल पंप पर लंबी कतार देखने को मिली। कमी को देखते हुए लोगों में विवाद भी देखने को मिला।

ड्रायवर्स ने कानून में नरमी कि गुज़ारिश की  

हरियाणा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, यूपी बिहार समेत कई राज्यों के ड्रायवर्स ने इस कानून में सरकार से नरमी रखने की गुज़ारिश की है। सरकार के अनुसार इस कानून में ट्रक ड्रायवर ही नहीं बल्कि ऑटो, कार, टैक्सी सभी चालक शामिल होंगे। हर निजी वाहन पर यह कानून समान रुप से लागू होगा।

हर साल 50 हजार लोगों की मृत्यु सड़क हादसे में होती 

वहीं केंद्र के अनुसार हर साल सड़क दुर्घटना में 50 हजार लोगों की मौत हो जाती है। वाहन चालक घायल को सड़क पर मरने के लिए छोड़ जाते है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह के अनुसार इस कानून के आने से बहुत कुछ सुधार होगा।

क्या है नया कानून ? 

– यदि किसी की गाड़ी से सड़क पर कोई टकरा जाता है। ड्रायवर पीड़ित की मदद करने के बजाय उसे मरता छोड़ गाड़ी लेकर या खुद भाग जाता है, तो उसे 10 साल की सजा होगी और जुर्माना भी देना होगा।

– वहीं यदि ड्रायवर पीड़ित को अस्पताल पहुंचाएगा या पुलिस प्रशासन को सूचित करेगा तो उसे राहत दी जाएगी।