भारत में निर्मित पहला उन्नत टोही ड्रोन यानी मानव रहित यान तापस (UAV) को आज हरी झंडी दिखा दी गई है। आज पहली बार ATR चित्रदुर्ग में त्रि-सेवा टीम के सामने इस शानदार ड्रोन का प्रदर्शित किया गया। जिसके बाद टीम ने इस बात की घोषणा की ये ड्रोन अब उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों के लिए तैयार है। कई सारी खूबियों से भरा हुआ है ये स्वदेशी ड्रोन। जानते है और क्या खास बात हैं तापस ड्रोन की…
कर्नाटक | TAPAS UAV की 200वीं उड़ान को आज पहली बार ATR चित्रदुर्ग में त्रि-सेवा टीम के सामने प्रदर्शित किया गया। टीम ने UAV के विकास के लिए स्वदेशी प्रयासों की सराहना की। TAPAS अब उपयोगकर्ता मूल्यांकन परीक्षणों के लिए तैयार है: DRDO pic.twitter.com/20FPUuHAYE
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 27, 2023
तपस (TAPAS) का पूरा नाम टेक्टिकल एयरबॉर्न प्लेटफॉर्म फॉर एरियल सर्विलांस बेयॉन्ड होराइजन (Tactical Airborne Platform for Aerial Surveillance-Beyond Horizon) है। जिसे DRDO (डिफेंस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइज़ेशन) ने तैयार किया है।
इस ड्रोन में कई सारी खूबियां है। यह 28 हजार फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर सकता है। इसके साथ ही ये मीडियम एल्टीट्यूट लॉन्ग-इंड्यूरेंस (MALE) ड्रोन है। भारत में निर्मित ये ड्रोन अमेरिका के MQ-1 प्रीडेटर ड्रोन जैसा ही है।
तपस ड्रोन अपने आप ही टेकऑफ और लैंड करने की क्षमता रखता है। तापस, रुस्तम-2 का अपग्रेडेड वर्जन है जिसे पूरी तरह से DRDO भारत ने निर्मित किया है, इसलिए तापस पूर्णरूप से स्वदेश निर्मित ड्रोन है। इसकी अधिकतम रफ्तार 224 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। 20.6 मीटर के विंग स्पैन वाला तपस ड्रोन लगातार 1000 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है। इसकी सबसे बड़ी खूबी है ये कि ये ड्रोन दिन और रात दोनों में ही निगरानी के लिए इस्तेमाल हो सकता है। निगरानी और दुश्मनों पर हमले करने में भी ये ड्रोन सक्षम है।