आजकल ज्यादातर शिव भक्त रुद्राक्ष (Rudraksh) धारण करते हैं। ऐसी मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने से भगवान भोलेनाथ जातकों के कष्ट दूर करते हैं। रुद्राक्ष भोलेनाथ को अति प्रिय है। हिंदू धर्म में इसे भगवान शिव के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। ऐसा माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से बना है। इसलिए पूरे संसार में इससे ज्यादा पवित्र और कुछ भी नहीं है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष धारण करने वाले लोगों पर शिव जी अपनी विशेष कृपा बनी रखती है।
रुद्राक्ष 1 मुखी से लेकर 21 मुखी तक के होते हैं। इसे धारण करने से न सिर्फ धार्मिक बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। तो आइए जानते हैं शिव के इस प्रिय रुद्राक्ष के बारे में बहुत ही आश्चर्य करने वाली जानकारी।
क्या होता है रुद्राक्ष (Rudraksh) का अर्थ ?
रुद्राक्ष संस्कृत भाषा का एक यौगिक शब्द है जो रुद्र और अक्ष नामक शब्दों से मिलकर बना है। “रुद्र” भगवान शिव के वैदिक नामों में से एक है और “अक्ष” का अर्थ है ‘ अश्रु की बूँद’। अत: इसका शाब्दिक अर्थ भगवान रुद्र (भगवान शिव) के आसू से है। रुद्राक्ष भारत और नेपाल के हिमायल क्षेत्र पाए जाने वाले एक वृक्ष बीज होता है। यह परंपरागत रूप से हिंदू धर्म में प्रार्थना की माला के रुप में प्रयोग किया जाता है।
राशि के अनुसार धारण करें रुद्राक्ष(Rudraksh)
वैसे तो किसी भी रुद्राक्ष को पहने मात्र के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होने लगता है। लेकिन ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि यदि कोई व्यक्ति राशि के अनुसार रुद्राक्ष धारण करता है, तो उसको इसके कई गुना अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। तो चलिए जानते है किस राशि वाले जातकों को कौनसा रुद्राक्ष धारण करने चाहिए।
मेष राशि
मेष राशि वाले लोगों को तीन मुखी रुद्राक्ष (Rudraksh) धारण करना चाहिये। तीन मुखी रुद्राक्ष का संबंध अग्नि देव से है और इससे पिछले जन्म और इस जन्म के पापकर्मों से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा तीन मुखी रुद्राक्ष निगेटिव विचार, अपराध की भावना, हीन भावना आदि से मुक्ति दिलाता है। इस तीनमुखी रुद्राक्ष से आपके व्यक्तित्व का विकास होता है। साथ ही इसे धारण करने से बीपी, कमज़ोरी और पेट संबंधी बीमारियों का भी उपचार होता है।
वृष राशि
वृष राशि वाले जातकों को छः मुखी रुद्राक्ष शुभ फल देता है। छः मुखी रुद्राक्ष शिवजी के पुत्र भगवान कार्तिकेय का सूचक है। इससे धारण करने से बुद्धि का विकास होता है। छः मुखी रुद्राक्ष अभिव्यक्ति की कुशलता और इच्छा शक्ति को बढ़ता है। साथ ही यह शौर्य एवं प्रेम की प्राप्ति करने में भी सहायता करता है। अगर औषधीय गुणों की बात करें तो इससे आंखो को फायदा होता है, मुंह और गले के रोगों के लिये भी छः मुखी रुद्राक्ष लाभदायक होता है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि को चतुर्मुखी यानि चार मुखी रुद्राक्ष (Rudraksh) धारण करना उत्तम है। चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रम्हाजी का आशीर्वाद प्राप्त है। चतुर्मुखी रुद्राक्ष के धारण करने से मनुष्य मेधावी होता है। साथ ही वह तेजस्वी होता है उसका मानसिक संतुलन अच्छा रहता है। चतुर्मुखी रुद्राक्ष तनाव, डिप्रेशन से दूर रखता है। इसे पहनने से वाणी में मधुरता आती है।
कर्क राशि
दो मुखी रुद्राक्ष कर्क राशि से सम्बंधित माना जाता है। दो मुखी रुद्राक्ष को शिवजी के अर्धनारीश्वर यानि शिव और शक्ति के रूप में जाना जाता है। इसलिए इसे धारण करने वाले व्यक्ति को शिवशक्ति का वरदान प्राप्त होता है। पद्मपुराण के अनुसार दो मुखी रुद्राक्ष को अग्नि का वरदान भी प्राप्त है लिहाजा इसको धारण करने से धारक को यज्ञ, होम वा अग्निहोत्र से मिलने वालें पुण्य मिलते है । साथ ही यह अच्छे पारिवारिक जीवन, सभी से अच्छे संबंध और विवाह सिद्धि के लिये उपयोगी है।
सिंह राशि (Rudraksh)
सिंह राशि को बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। बारह मुखी रुद्राक्ष को सूर्य देव का प्रतीक है। इसे द्वादश आदित्य भी कहते है। इसे धारण करने से किसी भी प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति को निर्भय एवं निस्संकट बनाता है। यह रुद्राक्ष धारक का आर्थिक पक्ष मजबूत करता है। साथ ही बारह मुखी रुद्राक्ष से हृदय, त्वचा और आंखों के रोगों का उपचार भी होता है।
कन्या राशि
इस राशि के जातकों का एक मुखी रुद्राक्ष धारण करना उत्तम होता है। एकमुखी रुद्राक्ष सबसे शुभ फलदायक होता है। इस रुद्राक्ष को स्वयं शिवजी का प्रतीक मन गया है। एक मुखी रुद्राक्ष परम सुख और मोक्ष दिलाता है । कहा जाता है जिस जगह पर एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा होती है वहां लक्ष्मी जी निवास करती हैं। एक मुखी रुद्राक्ष ऋद्धि और सिद्धि दोनों दिलाता है। साथ ही यह रुद्राक्ष अपने धारक को एकाग्रता, मन की शांति प्रदान कराता है। इसे धारण करने से यह जातक की सारी इच्छाओं को पूर्ण करता है।
तुला राशि (Rudraksh)
आठ मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ माना जाता है। आठ मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस रुद्राक्ष को पहनने से संकटों का निवारण होता है। आठ मुखी रुद्राक्ष बुद्धि का विकास, सर्कुलेशन की शक्ति और राइटिंग स्कील प्रदान करता है। साथ ही यह यश, कला में निपुणता एवं समृद्धि प्राप्ति में भी सहायक होता है। इसके वैद्यकीय गुणों की बात करें तो इससे नाड़ी संबंधित, शयान यानि प्रोस्ट्रेट और गॉल ब्लैडर के रोग मिटते है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि को पांच मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। पञ्चमुखी रुद्राक्ष को शिवजी के कालाग्नि यानि रुद्र रूप में भी पूजा जाता है। मान्यता है कि तीन बड़े पञ्चमुखी रुद्राक्ष पहनने से अकाल मृत्यु भी टल जाती है। साथ इसे धारण करने से तन और मन कि शुद्धि होती है। बात की जाए इसके औषधीय गुणों की तो पांच मुखी रुद्राक्ष बी.पी, डायबिटीज, कान, पेट और जंघा के रोगों को नियंत्रण करने के लिए काफी प्रचलित है।
धनु राशि
नवमुखी यानि नौ मुखी रुद्राक्ष धारण करना अतिशुभ है। नौ मुखी रुद्राक्ष को देवी दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाला व्यक्ति निर्भय और तनावमुक्त होता है। और इसको पहनने से व्यक्ति के अंतर्मन की पवित्र अग्नि द्वारा शुद्धि होती है। साथ ही यह अपने धारक को बलशाली और आत्म विश्वासी बनाता है। मान्यता है कि काल यानि यमराज और काल भैरव दोनों ही नवमुखी रुद्राक्ष के धारक की रक्षा करते है। जिस कारण इसे कालभय निवारक भी कहते है।
मकर राशि
दस मुखी रुद्राक्ष उत्तम माना जाता है। इस रुद्राक्ष को भगवान विष्णु का प्रिय रुद्राक्ष भी कहा जाता है। इसे पूजा मे रखकर हरि और हर दोनों की ही कृपा प्राप्त की जा सकती है। यह रुद्राक्ष शिव और विष्णु की शक्तियों को जोड़कर भूत, जादू-टोना, ईर्ष्या आदि संकटों से मुक्ति दिलाता है। साथ ही यह घर, कार्यालय या कारखानों के वास्तुदोषों को भी मिटाता है। इसके अलावा यह कोर्ट संबंधी मामलों, कलह और शत्रुों पर यह भी जीत दिलाने में बहुत सहायक है। कहा जाता है कि दस मुखी रुद्राक्ष सभी ग्रहों कों नियंत्रित करता है। लिहाजा किसी भी ग्रह के बुरे प्रकोप से बचने के लिये यह रुद्राक्ष प्रभावी है।
कुंभ राशि
सात मुखी रुद्राक्ष का धारण करने से कुम्भ राशि को विशेष लाभ मिलता है। यह रुद्राक्ष सात मातृकाओं के साथ ही सूर्य, सप्तर्षि कार्तिकेय, अंगत यानि कामदेव, अनंत यानि बासुकी, और नागराज को समर्पित है। सप्तमातृकाएं यानि ब्राम्ही, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वाराही, इंद्राणी और चामुंडा को समर्पित होने से यह महालक्ष्मी को प्रसन्न करता है। जिस कारण इसको धारण करने वाले के जीवन में यह प्रगति, कीर्ति, और धन कि वर्षा कराता है। यह सात मुखी रुद्राक्ष धारक के दुर्भाग्य को मिटाता है। सप्तमुखी रुद्राक्ष शत्रुओं पर विजय प्राप्ति में भी सहायक होता है।
मीन राशि
मीन राशि को ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना अतिशुभ माना जाता है। एकादशमुखी अथवा ग्यारह मुखी रुद्राक्ष को हनुमानजी की कृपा प्राप्त है। एकादशमुखी रुद्राक्ष के धारक को हनुमान जी जैसे गुण प्राप्त होते है। जैसे बात करने की कुशलता, आत्मविश्वास, तेज बुद्धि , शारीरिक बल आदि। योग और तंत्र से जुड़े व्यक्तिओं के लिये भी यह बहुत लाभकारी है। साथ ही यह रुद्राक्ष रक्षा प्रदान करता है। औषधि के रूप में यह दिव्य बीज पेट, हृदय, और लिवर संबंधी रोगों के उपचार में सहायक है।