अगस्त माह की पहली तारिख से शुरु होकर पूरे एक सप्ताह तक हम ब्रेस्ट फीडिंग वीक(Breastfeeding Week) मनाते हैं। जिसे मनाने की मुख्य वजह है महिलाओं को ब्रेस्ट फीडिंग(Breastfeeding Week) के प्रति जागरुक करना। एक महिला का शरीर गर्भवती होने के साथ ही अपने शिशु को स्तनपान (Breastfeeding Week) कराने के लिए तैयार होने लगता है। स्तनपान कराने के लेकर कई मिथक भी हैं की बच्चे को दूध पिलाने से मां का फिगर बिगड़ता है, जो बिल्कुल गल़त है। जिसे कई सारे शोध में साबित किया जा चुका है। जानते हैं स्तनपान कराना महिलाओं लिए कितना फायदेमंद है।
तनाव की समस्या कम करता है ब्रेस्टफीडिंग
ब्रेस्टफीडिंग कराने से बच्चे और मां दोनों का विकास होता है। ये एक ऐसी क्रिया है जिसमें दो लोगों के बीच निस्वार्थ प्रेम बढ़ाता है, बच्चा केवल अपनी मां के अहसास में सुरक्षित महसूस करता है। और मां भी अपने अंश को बड़ा होते देखती है। शोध में ये पता चला है की जो माताएं अपने बच्चे के अधिक स्तनपान कराती हैं, उन्हें तनाव की समस्या बहुत कम होती है।
बढ़ते वजन पर होता है नियंत्रण
प्रेग्नेंसी के समय मां का वजन अधिक बढ़ने लगता है, ऐसे में जो महिलाएं सही तरह से बच्चे को स्तनपान करवाती हैं उनकी कैलोरी कम होती है। ऐसे में बढ़ता वजन नियंत्रित होता है।
हार्मोन संतुलित होने से ऊर्जा बढ़ती है
स्तनपान कि वजह से मां के हार्मोन संतुलित रहते है। जिस वजह से मां को अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। तभी तो कहते हैं की मां बनने के बाद एक महिला और एक्टिंव हो जाती है।
चेहरे पर ग्लो बढ़ाने में सहायक स्तनपान
स्तनपान से चेहरे की रंगत भी बढ़ती है, चेहरे पर पिंपल आने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
गंभीर बीमारियां नहीं करती हैं अटैक
कई सारी गंभीर बीमारियां है जो सिर्फ महिलाओं पर सबसे अधिक अटैक करती हैं। जैसे स्तन कैंसर, ऑस्टियोपोरोसिस, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट प्रॉब्लम, डायबिटीज, गठिया, ओवेरियन कैंसर, मोटापा। स्तनपान कराने से इन सभी के चांस बहुत कम हो जाते हैं।
इन सभी के साथ बच्चे को जन्म से लेकर 6 महीने की उम्र तक के लिए मां का दूध ही संपूर्ण आहार होता है। इस दौरान शिशु को पानी भी नहीं पिलाया जाता है। बच्चा जितना मां का दूध पिएगा, उतना ही वह शारीरिक रुप से स्ट्रॉन्ग होगा। तो सारे गलत मिथकों को भूलकर अपने शिशु को स्तनपान जरुर कराएं। इसके साथ ही अपनी सारे सवालों को डॉक्टर से भी पूछें। स्तनपान केवल कुछ समय की ही क्रिया है, सही जानकारी रखने से इन पलों को मां हमेशा के लिए यादगार बना सकती है।