ज्ञानवापी पर वाराणसी की जिला कोर्ट ने आज अहम निर्णय दे दिया है। कोर्ट के अनुसार ज्ञानवापी (Gyanvapi) के व्यास तहखाने में हिंदू पक्ष को पूजा करने का अधिकार दे दिया गया है। इस फैसले से हिन्दू पक्ष में खुशी का माहौल बन गया है। कोर्ट ने जिला प्रशासन को बैरिकेडिंग में 7 दिन के अंदर व्यवस्था कराने का आदेश दिया है।
केस 30 साल पुराना पर 2021 में पकड़ी तेजी
काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी (Gyanvapi) मामला वैसे तो कई सालो पुराना है, पर इस केस ने साल 2021 में तेजी पकड़ी थी। जब अगस्त 2021 में 5 महिलाओं ने वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) के सामने एक वाद दायर किया था। इसमें उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद के बगल में बने श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजा और दर्शन करने की अनुमति देने की मांग की थी।
याचिका का आधार जुड़ा था साल 1991 से
महिलाओं की दायर याचिका का मुख्य आधार साल 1991 से संबंधित था। दरअसल साल 1991 में स्थानीय पुजारियों के एक समुह ने वाराणसी अदालत का रुख करते हुए दावा किया था। पुजारियों के अनुसार 1669 में काशी विश्वनाथ मंदिर के एक हिस्से को ध्वस्त करने के बाद औरंगजेब ने यहां ज्ञानवापी (Gyanvapi) मस्जिद का निर्माण करवाया था।
ज्ञानवापी (Gyanvapi) केस की शुरुआत
काशी विश्वनाथ ज्ञानवापी केस में साल 1991 में वाराणसी कोर्ट में पहला मुकदमा दाखिल हुआ था। जिसमें याचिका में ज्ञानवापी परिसर में पूजा की अनुमति मांगी गई थी। केस दाखिल होने के कुछ महीने बाद सितंबर 1991 में केंद्र सरकार ने पूजा स्थल कानून बना दिया।
क्या है पूजा स्थल कानून ?
इस कानून के अनुसार 15 अगस्त 1947 से पहले अस्तित्व में आए किसी भी धर्म के पूजा स्थल को किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल में नहीं बदला जा सकता। अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उसे एक से तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
मामले पर शुरु हुई सुनवाई
साल 2019 में वाराणसी कोर्ट में फिर से इस मामले में सुनवाई शुरु हुई। 2021 में वाराणसी की सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट से ज्ञानवापी मस्जिद के पुरातात्विक सर्वेक्षण की मंजूरी दे दी। जिसके बाद मई माह में कई रुकावटों के बीच बंद कमरों से लेकर कुएं तक की जांच हुई। पूरी जांच प्रक्रिया कैमरे में वीडियो और फोटोग्राफी से कैप्चर की गई।
लंबे इंतजार के बाद आया फैसला
ज्ञानवापी (Gyanvapi) केस में आज का दिन इतिहास में दर्ज हो चुका है। सबसे पहले 24 जनवरी 2024 को जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने फैसला सुनाया। जिला जज ने वादी पक्ष को सर्वें रिपोर्ट दिए जाने का आदेश दिया। 25 जनवरी 2024 को रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई। जिसमें ज्ञानवापी में मंदिर का स्ट्रक्चर मिलना बताया गया था। इस पर हिंदू पक्ष ने खुशी जताई। जिसके बाद आज 31 जनवरी 2024 को वाराणसी जिला अदालत ने हिंदू पक्ष को व्यास तहखाने में पूजा करने की इजाजत दे दी है।